For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हक़ की लड़ाई (लघुकथा)- डॉo विजय शंकर

दोनों बुराई के लिये लड़ रहे थे, एक दूसरे पर खूब कीचड़ उछाल रहे थे ।
देखने वालों ने समझा दोनों बुराई मिटा के रहेंगे ,
जब कि वो दोनों बुराई पर अपना अपना हक़ जता रहे थे।

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 733

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by विनोद खनगवाल on July 25, 2015 at 3:40pm

आदरणीय डाॅ. विजय शंकर जी। यह लघुकथा तो किसी एंगल से नजर नहीं आ रही है। कुछ स्पष्ट नहीं है कथानक। कविता तत्व ज्यादा हावी हो गया है।

Comment by Dr. Vijai Shanker on July 24, 2015 at 10:13am
आदरणीय सुश्री कांता रॉय जी लघु-कथा पर आपकी स्वीकृति एवं उन्मुक्त प्रशस्ति हेतु ह्रदय से बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on July 24, 2015 at 10:11am
आदरणीय महर्षि त्रिपाठी जी लघु-कथा पर आपकी स्वीकृति एवं प्रशस्ति हेतु ह्रदय से बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on July 24, 2015 at 10:10am
आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी लघु-कथा पर आपकी स्वीकृति एवं उन्मुक्त प्रशस्ति हेतु ह्रदय से बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on July 24, 2015 at 10:09am
आदरणीय सुश्री राजेश कुमार जी लघु-कथा पर आपकी स्वीकृति एवं प्रशस्ति हेतु ह्रदय से बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on July 24, 2015 at 10:08am
आदरणीय विनय कुमार सिंह जी लघु-कथा पर आपकी स्वीकृति एवं प्रशस्ति हेतु ह्रदय से बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on July 24, 2015 at 10:07am
आदरणीय सुशील सरना जी लघु-कथा पर आपकी स्वीकृति एवं प्रशस्ति हेतु ह्रदय से बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on July 24, 2015 at 9:43am
आदरणीय शिज्जु जी लघु-कथा स्वीकृति एवं प्रशस्ति हेतु ह्रदय से बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on July 24, 2015 at 9:42am
लघु-कथा स्वीकृति एवं प्रशस्ति हेतु ह्रदय से बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद प्रिय मिथिलेश वामनकर जी , सादर।
Comment by kanta roy on July 24, 2015 at 8:54am
वाह !!!!!!! क्या सुंदर बात हुई है ! हम पढकर दंग हो गये । लोगों का समझना...... और उनके करने के पीछे का सच........ क्या खूब खींचा है मनोभावों को इन दो - तीन पंक्तियों में । इस गजब की अभिव्यक्ति के लिए नमन आपको आदरणीय डा. विजय शंकर जी ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"ब्रजेश जी, आप जो कह रहें हैं सब ठीक है।    पर मुद्दा "कृष्ण" या…"
Tuesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"क्या ही शानदार ग़ज़ल कही है आदरणीय शुक्ला जी... लाभ एवं हानि का था लक्ष्य उन के प्रेम मेंअस्तु…"
Monday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"उचित है आदरणीय अजय जी ,अतिरंजित तो लग रहा है हालाँकि असंभव सा नहीं है....मेरा तात्पर्य कि…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि भाईजी, इस प्रस्तुति के मोहपाश में तो हम एक अरसे बँधे थे. हमने अपनी एक यात्रा के दौरान…"
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,//आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति पर आने में मुझे विलम्ब हुआ है. कारण कि, मेरा निवास ही बदल रहा…"
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. अजय गुप्ता जी "
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
Sunday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Sunday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service