For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कुछ क्षणिकाएं :

कुछ क्षणिकाएं :

पिघलती नहीं
अब
अंतर्मन की व्याकुलता
आँखों से
स्वार्थ का चश्मा
सोख लेता है
सारा दर्द

................

सीख लिया है
आँखों ने
खारा पानी पीना
संवेदनहीन

हो गया है
वर्तमान

.........................

झीलें नहीं होती
भावों की
आँखों में
मैच कर लेता है
हर अंतरंग का रंग
कांटेक्ट लेंस

.....................

मुद्दत हो गई
खुद से मुलाकात हुए
शायद
उनसे बिछुड़ने का
अंजाम है ये
पलक से गिरा
लकीरों पे
किसी याद का
मुकाम है ये

सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 785

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on October 2, 2018 at 2:38pm

आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी सृजन के भावों को आत्मीय मान देने का दिल से आभार। 

Comment by Sushil Sarna on October 2, 2018 at 2:37pm

आदरणीया  babitagupta जी सृजन आपकी ऊर्जावान प्रतिक्रिया का आभारी है।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on September 29, 2018 at 1:20pm

आ. भाई सुशील जी, बेहतरीन क्षणिकाएँ हुई हैं । हार्दिक बधाई ।

Comment by babitagupta on September 29, 2018 at 1:02pm

क्षणिकाओं  के माध्यम से मानवीय सम्बेदनाओं को प्राकृतिक चीजों द्वारा बताना,बेहतरीन रचना,हार्दिक बधाई स्वीकार कीजियेगा आदरणीय सुशिल सरजी। 

Comment by Sushil Sarna on September 27, 2018 at 6:41pm

आदरणीय विजय निकोर जी , सादर प्रणाम , प्रस्तुति पर आपकी मन मुदित करती प्रशंसा का दिल से आभार।

Comment by Sushil Sarna on September 27, 2018 at 6:41pm

आदरणीय डॉ छोटेलाल सिंह जी सृजन के भावों को आत्मीय मान देने का दिल से आभार।

Comment by Sushil Sarna on September 27, 2018 at 6:41pm

आदरणीय सुरेन्दर नाथ सिंह जी सृजन पर आपकी आत्मीय प्रशंसा का दिल से आभार।

Comment by Sushil Sarna on September 27, 2018 at 6:40pm

आदरणीय समर कबीर साहिब , आदाब ... सृजन पर आपकी आत्मीय प्रशंसा एवं सूक्ष्म त्रुटि की ओर ध्यान दिलाने का दिल से आभार। मैं अभी एडिट करता हूँ सर. हार्दिक आभार।

Comment by Sushil Sarna on September 27, 2018 at 6:40pm

आदरणीय नरेंद्र चौहान जी सृजन को मान देने का दिल से शुक्रिया।

Comment by Sushil Sarna on September 27, 2018 at 6:40pm

आदरणीया राजेश कुमारी जी सृजन आपकी ऊर्जावान प्रतिक्रिया का आभारी है।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
yesterday
Sushil Sarna posted blog posts
yesterday
Nilesh Shevgaonkar posted a blog post

ग़ज़ल नूर की - तो फिर जन्नतों की कहाँ जुस्तजू हो

.तो फिर जन्नतों की कहाँ जुस्तजू हो जो मुझ में नुमायाँ फ़क़त तू ही तू हो. . ये रौशन ज़मीरी अमल एक…See More
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 171 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Tuesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - गुण
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थित और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
Tuesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post समय के दोहे -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई श्यामनाराण जी, सादर अभिवादन।दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
Tuesday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - गुण
"वाहहहहहह गुण पर केन्द्रित  उत्तम  दोहावली हुई है आदरणीय लक्ष्मण धामी जी । हार्दिक…"
Tuesday
Nilesh Shevgaonkar shared their blog post on Facebook
Tuesday
Shyam Narain Verma commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - उस के नाम पे धोखे खाते रहते हो
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Monday
Shyam Narain Verma commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post समय के दोहे -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर और ज्ञान वर्धक प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' shared their blog post on Facebook
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service