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अखबार हाथ में लेकर सृजन लगभग दौड़ते हुए  घर  मे घुसा

"मम्मा!, पापा! ये देखो ये तो वही है ने जो हमारे गणपति बप्पा को..."

सुदेश ने उसके हाथ से पेपर झपटकर टेबल पर फ़ैलाया

"देखो दिशा! ये तो वही लड़का है  ना, इसका नाम तो रहमान लिखा है इन्होंने तो क्या ये गैर... "

अरे हा! कहते वो भी समाचार पत्र पर झुक गई. सब कुछ चल चित्र सा उसकी आँखो से गुज़र गया

यही कोई १४-१५ बरस का दूबला-पतला सा  किशोर होगा वह. उसका असली नाम तो नहीं जानते थे पर उसके रूप-रंग को देखकर सब उसे कल्लू के नाम से पुकारते थे. वह हमेशा ही उन्हें बडे तालाब के किनारे मिल जाया करता था. अंग्रेजी नही जानता था फ़िर भी विदेशी सैलानियों का दिल जीतकर उन्हे नौका विहार करा देता था. स्वभाव से खुश दिल था किंतु उसकी आँखो से लाचारी झलकती थी. उसका बाप बीमार रहता था. वो ही सहारा था घर का शायद इसलिए वो तालाब की परिक्रमा लगाया करता था.

बप्पा के विसर्जन के दिन तो भाग-भाग कर सबसे विनय करता कि लाओ मैं बप्पा को ठीक मध्य भाग मे विसर्जित कर दूँगा.आप चाहे अपनी दक्षिणा बाद मे दे  देना.

तालाब के मध्य भाग मे जोर-जोर से भजन गाकर बप्पा को प्रणाम कर उनको जल समाधि  दिया करता था. इसी बिच यदि अजान सुनाई देती तो आसमान की  ओर आँखें उठा कर अपना हाथ हृदय से लगा लेता.

 कुछ कायर,भिरुओ को शायद ये बात अखर गई थी. एक पवित्र परिसर मे छुरा घोपकर उसे मार दिया गया था.

 उसके मृत देह से उसकी वही लाचार दृष्टि दिखाई दे रही थी कि अब मेरे बप्पा को कौन सिराएगा (immerse) .

लगा बप्पा भी पास मे ही बैठे है अपने भक्त का रक्तरंजित हाथ लेकर  मानो कह रहे हो...विसर्जन तो अब भी होगा. दूसरे बच्चे ये काम करेंगे,किंतु

राम-राम कहने वाला रहमान अब शायद ही कोई हो.

*** विवेक सावरीकर "मृदुल" की  मराठी कविता "तो पोरगा" से प्रेरित होकर. उनकी अनुमति से

 मौलिक एवं अप्रकाशित

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Comment by Ravi Prabhakar on July 24, 2016 at 12:12pm

बहुत बढ़ीया व प्रभावशाली रचना। /राम-राम कहने वाला रहमान अब शायद ही कोई हो./ यह पंक्‍ित बहुत प्रभावशाली है। कथा का शीर्षक चयन भी उत्‍तम है।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 23, 2016 at 7:15pm

विसर्जन तो अब भी होगा. दूसरे बच्चे ये काम करेंगे,किंतु

राम-राम कहने वाला रहमान अब शायद ही कोई हो.--लघु कथा की पंच लाइन इसे ऊँचाई पर ले जाती हैं 

बहुत अच्छी लघु कथा आद० नयना जी हार्दिक बधाई 

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