For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पडौसी देश के नाम [ कुण्डलियाँ छंद ]

मेरे घर की आग में,,सेंक रहा है हाथ

दूत बने शैतान के , देता उनका साथ

देता उनका साथ ,लगा मति पर  है ताला

ड्रेगन धुन पर नाच ,करे होकर बेताला

जग पर जाहिर आज ,सभी मंसूबे तेरे

छोड़ लगाना आग ,बाज आ भाई मेरे

 

 

छोड़ें ढुलमुल रीत को ,अब उँगली लें मोड़

रोग पुराना हो रहा ,खोजें दूजा तोड़

खोजें दूजा तोड़ ,नहीं अब मीठी गोली

बातें जफ्फी खूब ,खूब समझाइश हो ली

हमको सकता बाँट ,ख़्वाब उसका ये तोड़ें

सच में हों गंभीर ,महज बातों को छोड़ें

 

मौलिक व् अप्रकाशित   

Views: 1094

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by pratibha pande on September 3, 2016 at 1:27pm

हार्दिक आभार आदरणीय विजय निकोरे जी... सादर 

Comment by pratibha pande on September 3, 2016 at 1:26pm

हार्दिक आभार आदरणीया कांता जी 

Comment by vijay nikore on August 22, 2016 at 4:06pm

अति सुन्दर रचना के लिए बधाई, आदरणीया प्रतिभा जी

Comment by kanta roy on August 16, 2016 at 12:21pm

देता उनका साथ ,लगा मति पर  है ताला

ड्रेगन धुन पर नाच ,करे होकर बेताला--वाह ! वाह ! बहुत  ही  बढ़िया तंज है  ये . 

हमको सकता बाँट ,ख़्वाब उसका ये तोड़ें

सच में हों गंभीर ,महज बातों को छोड़ें---बेहद  खुबसूरत सीख  देती  हुई  पंक्तियाँ है  आपकी  आदरणीया  प्रतिभा  जी ,बधाई आपको 

Comment by pratibha pande on July 26, 2016 at 8:07pm

आपका हार्दिक आभार  आदरणीया कल्पना जी 

Comment by pratibha pande on July 26, 2016 at 8:04pm

प्रयास पर आपका अनुमोदन व् उत्साहवर्धन मेरे लिए बहुत मायने रखता है ,आपका हार्दिक आभार आदरणीय गिरिराज भंडारी जी ...सादर  


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 25, 2016 at 9:39am

आदरणीया प्रतिभा जी , वरतमान स्थिति पर लाजवाब कुँडलिया रचना की है आपने । हार्दिक बधाइयाँ । और इस सोच के लिये साधु वाद आपको ।

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on July 22, 2016 at 5:27pm

सुंदर छंद लिखे है आदरणीया दी | बधाई स्वीकारें | 

Comment by pratibha pande on July 22, 2016 at 11:22am

आपने इस ब्लॉग पोस्ट पर आकर प्रयास के मर्म का अनुमोदन किया और उत्साहवर्धन किया आपका हार्दिक आभार आदरणीय रवि प्रभाकर जी 

Comment by pratibha pande on July 22, 2016 at 11:14am

प्रयास की सराहना व् उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक  आभार आदरणीय अशोक कुमार रक्ताले जी ..सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"ब्रजेश जी, आप जो कह रहें हैं सब ठीक है।    पर मुद्दा "कृष्ण" या…"
yesterday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"क्या ही शानदार ग़ज़ल कही है आदरणीय शुक्ला जी... लाभ एवं हानि का था लक्ष्य उन के प्रेम मेंअस्तु…"
yesterday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"उचित है आदरणीय अजय जी ,अतिरंजित तो लग रहा है हालाँकि असंभव सा नहीं है....मेरा तात्पर्य कि…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि भाईजी, इस प्रस्तुति के मोहपाश में तो हम एक अरसे बँधे थे. हमने अपनी एक यात्रा के दौरान…"
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,//आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति पर आने में मुझे विलम्ब हुआ है. कारण कि, मेरा निवास ही बदल रहा…"
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. अजय गुप्ता जी "
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
Sunday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Sunday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service