For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बह्र: २२ २२ २२ २२ २२ २२ २

रदीफ़: चाहता हूँ , काफिया : ना (अना )

 

दिल के धड़कनों को कम करना चाहता हूँ

आज घटित घटना को विसरना चाहता हूँ |

जीवन में घटी है कुछ घटनाएँ ऐसी

सूखे घावों को नहीं कुतरना चाहता हूँ |

यादों की बारातें आती है तन्हाई में

तन्हाई दूर मैं करना चाहता हूँ |

नुकिले पत्थर हैं कदम कदम पर लेकिन

मखमल के विस्तर में नहीं मरना चाहता हूँ |

जिंदगी का सफ़र तो इतना भी आसान नहीं

सदा सफ़र में धीरज धरना चाहता हूँ |

रब के ‘प्रसाद’ से जिंदगी चलती जाए

उनको झुककर सजदा करना चाहता हूँ |

 

कालीपद ‘प्रसाद’

|

 

(मौलिक और अप्रकाशित) 

कालीपद ‘प्रसाद’

विषय के निष्नाद जनों निवेदन है कि इसमें स्वतंत्र एक मात्राओं का  योग सही है या नहीं बताएं, और भी जो गलतियां है उसे सुधारने का उपाय बातायें | अग्रिम आभार | 

Views: 743

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on June 22, 2016 at 9:41pm
आदरणीय मंडल सर, आ. गिरिराज भंडारी जी की बात से मैं सहमत हूँ, जब तक मूलभूत बातों को पढ़कर नहीं देखेंगे शंका बनी रहेगी फिर भी आपकी बात का जवाब दे देता हूँ भूलना को विसरना करने पर भी ईता दोष नहीं हटेगा; क्यों? ये ग़ज़ल की कक्षा में विस्तार से समझाया गया है।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 22, 2016 at 6:13pm

आदरणीय हर बहर की कुछ शर्तें और किसी किसी बहर में कुछ छोटें पहले से निर्धारित है , इस मात्रिक बहर मे , 22 को 112 ,121 या211 क्या जा सकता है । अभी शायद आपने अध्ययन शुरु नही किया है । जब तक आप अध्ययन नहीं करेंगे ऐसी कठिनाइयाँ आती ही रहेंगी । आप एक दम से गज़ल कहना शुरू न करें , पहले कमसे कम एक बार सभी अध्यायों पढ़ ले । विस्तार से शिपल्प को समझाना बहुत कठिन है , हाँ एक आध गलती या कमी हो लिख के समझाया जा सकता है । मैने मतले मे इता दोष का भी इशारा किया है , क्या आप जानते हैं , इता दोष ? अगर नही तो सुधारेंगे कैसे । शिल्प का पूर्ण अध्ययन किये बिना गुज़ारा संभव नही है ।

Comment by Kalipad Prasad Mandal on June 22, 2016 at 5:23pm

आदरणीय गिरिराज भंडारी भाई जी !

सही कहा आपने अभी और प्रयत्नों की आवश्यकता है | लेकिन यहाँ आपने  

3- दिल/ के/   धड़/ कनों / को / कम / करना /  चाह/  ता हूँ 

   

     2     2      2    12     2     2       2 2      21     2  2     -- सीधे सीशे भी गिने तो मात्रा ,

यहां कनों (१२)             और                    चाह (२१)   में स्वतन्त्र (1) मात्र को मिला कर एक दीर्घा (२) गिना जा सकता है क्या ? यही मेरा प्रश्न है |

अगर 'भूलना' की जगह पर "विसरना ' लिखू  तो ईता दोष दूर होगा क्या ?

सादर 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 22, 2016 at 11:45am

आदरणीय काली पद भाई -- गज़ल  का प्रयास अच्छा हुआ है पर अभी बहुत और भी प्रयास की ज़रूरत है , '' गज़ल की बातें '' के सभी अध्यायों का पाठ कीजियेगा । लगभग सभी नियम एक साथ याद रहना ज़रूरी है , जब भी आप शे र कहते हैं ।

आपका मतला देखियेगा

दिल के धड़कनों को कम करना चाहता हूँ   ---

आज घटित घटना को भूलना चाहता हूँ |  

1- सबसे पहले , दिल की धड़कनों , कर लीजियेगा  , दिल के गलत है

2- भूलना और करना  काफिया लेने मे  इता दोष  आ गया है  -- काफिया के दोष पाठ मे देखियेगा

3- दिल/ के/   धड़/ कनों / को / कम / करना /  चाह/  ता हूँ
     2     2      2    12     2     2       2 2      21     2  2     -- सीधे सीशे भी गिने तो मात्रा ,

22   22   22   22  22  22  ( 6 फेलुन 24 मात्रा ) आ रही है ,  आप , बहर मे एक गुरु ( 2 ) और ले रहे हैं ।

वैसे भी छंद मे मात्रा गिनना और ग़ज़ल मे मात्रा गिनना दोनो मे थोड़ा सा फर्क है , यहाँ मिसरे को पढने के हिसाब से 2 मात्रा गिर के कहीं 1 भी गिन ली जाती है । आप मिसरों को किसी लय पढ के फैसाला करें , कि कहाँ  2 को आप 1 जैसा पढ रहे हैं ।

लय बहंग की स्थिति से बचने के लिये  , कलों के जमाव को छंदों मे आप करते हैं वही करें ।

यादों की बारातें आती है तन्हाई में  -- ये मिसरा आपका लय मे लगा मुझे -- जो आपके लिखे बह्र से मेल भी खारहा है , इस मिसरे को आधार बना कर आप और प्रयास कीजियेगा ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि भाईजी, इस प्रस्तुति के मोहपाश में तो हम एक अरसे बँधे थे. हमने अपनी एक यात्रा के दौरान…"
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,//आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति पर आने में मुझे विलम्ब हुआ है. कारण कि, मेरा निवास ही बदल रहा…"
4 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
4 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. अजय गुप्ता जी "
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
15 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
15 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
16 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। पंचकल त्रिकल के प्रयोग…"
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी, आपकी प्रस्तुति के लिए बधाई के साथ-साथ धन्यवाद भी। कि, इस पटल पर, इस खुले आयोजन…"
17 hours ago
Chetan Prakash commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"वाकई  खूबसूरत शुद्ध हिन्दी गजल हुई, आदरणीय! "कर्म हम रणछोड  के अनुसार भी करते…"
17 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service