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ग़ज़ल - डूब भी जाये कोई , पार उतारा लिख दो ( गिरिराज भंडारी )

2122   1122    1122   22 /112

.

तुम जो चाहो तो ये गिर्दाब, किनारा लिख दो
डूब भी जाये कोई , पार उतारा लिख दो

 

कैसे उस चाँद को धरती पे उतारा लिख दो

कैसे आँगन में हुआ खूब नज़ारा लिख दो

 

खटखटाने से कोई दर न खुले, तो दर पर 

बारहा मैने तेरा नाम पुकारा लिख दो

 

जंग अपनो से भला कैसे कोई कर लेता

ख़ुद को जीता, तो कहीं मुझको ही हारा लिख दो 

 

हो यक़ीं या कि न हो तुम तो लिखो सच अपना   

दश्ते तारीक में जुगनू था सहारा लिख दो

 

कौन आयेगा यहाँ अश्क़ तुम्हारा पढ़ने

हँसते गाते हुये ही वक़्त गुज़ारा लिख दो

 

रेत पर बे वफा लिक्खो नहीं, मिट जायेगा 

संग ए दिल में ही कहीं और दुबारा लिख दो

 

फिर न कहना कि बहुत तल्ख़ लगीं थीं बातें   

मेरी फित्रत में तुम्हें क्या है गवारा लिख दो

 

कोई बदलेगा नहीं छोड़ो अदालत तुम भी

या तो मुंसिफ ने है कितनों को सुधारा लिख दो

 

यार तुम भी तो पढ़ो मेरी ग़ज़ल के मिसरे 

कौन कहता है इसे पाँच सितारा लिख दो

**************************************
मौलिक एवँ अप्रकाशित

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सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 16, 2016 at 11:58pm

आदरणीय रवि भाई , हौसला अफज़ाई का तहे दिल से शुक्रिया ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 16, 2016 at 11:57pm

आदरणीय महेन्द्र भाई , हौसला अफज़ाई का शुक्रिया ।

Comment by amita tiwari on June 16, 2016 at 8:41pm

बेहतरीन गजल    बेहतरीन अश्‍आर

बधाई

Comment by Ravi Shukla on June 16, 2016 at 5:36pm

आदरणीय गिरिराज भाई जी आपकी इस बेहतरीन गजल के लिये जितनी तारीफ की जाए कम है पहले भी दिल लूट लिया था इसने शिज्‍ज्‍ू भाई गवाह है इसके  बहुत बहुत बधाई बेहतरीन अश्‍आर के लिये । सादर

Comment by Mahendra Kumar on June 16, 2016 at 3:47pm
कौन आयेगा यहाँ अश्क़ तुम्हारा पढ़ने
हँसते गाते हुये ही वक़्त गुज़ारा लिख दो

रेत पर बे वफा लिक्खो नहीं, मिट जायेगा
संग ए दिल में ही कहीं और दुबारा लिख दो

...बहुत ही बेहतरीन ग़ज़ल आदरणीय!

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 16, 2016 at 10:39am

आदरणीय बृजेश भाई , हौसला अफज़ाई का तहे दिल से शुक्रिया ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 16, 2016 at 10:38am

आदरणीय मनन भाई , आपका तहे दिल से शुक्रिया ।


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Comment by गिरिराज भंडारी on June 16, 2016 at 10:38am

आदरणीय बड़े भाई गोपाल जी , गज़ल को आशीर्वाद देने के लिये आपका हृदय से आभार ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 16, 2016 at 10:36am

आदरणीय तस्दीक भाई , हौसला अफज़ाई का तहे दिल से शुक्रिया ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 16, 2016 at 10:36am

आदरणीया कांता जी , हौसला अफज़ाई का दिली शुक्रिया ।

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