For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गीत-प्रीतम सपने में आये थे

प्रीतम सपने में आये थे।
सखि! मुझको बड़ा सताये थे।।
सुंदर वसन सजा तन पर,
वे मंद-मंद मुस्काये थे।
प्रीतम सपने में आये थे।
स्नेह-सेज पर सोई थी।
यादों मे उनके खोई थी।
नयनों ने पट ज्यों बंद किये।
उनके ही दर्शन पाये थे।
प्रीतम सपने में आये थे।
साँवली सूरत नैन विशाल।
लख छवि सखि! मैं हुई बेहाल।।
मणियों की माला साजे उर।
कंदर्प-रूप धरि आये थे।
प्रीतम सपने में आये थे।
प्यारी-प्यारी बातें कीन्हां।
बाहों में मुझको भर लीन्हां।
अधरों का मधुरस पीने को
बन मत्त मधुप तन छाये थे।।
प्रीतम सपने में आये थे।
लाज-शरम से मैं मर जाऊँ।
शेष सखी! ना अब कह पाऊँ।।
कटि मधि निज कर डाल मुझे,
वे सारी रात जगाये थे ।
प्रीतम सपने में आये थे।

-रामबली गुप्ता
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 521

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by रामबली गुप्ता on March 29, 2016 at 12:28pm
रचना पसंद करने के लिए हार्दिक आभार आ.मोहित जी
Comment by रामबली गुप्ता on March 28, 2016 at 11:49am
हृदयतल से आभार आ. समर जी गीत पसंद करने के लिए
Comment by Samar kabeer on March 28, 2016 at 11:33am
जनाब रामबली गुप्ता जी आदाब,कोमल भावों से सजे इस सुंदर गीत के लिये बधाई स्वीकार करें ।
Comment by रामबली गुप्ता on March 28, 2016 at 11:32am
हृदयतल से आभार आदरेया कांता जी
मुख्यतः गीत और छन्दों में ही लिखता हूँ।
अतुकांत और ग़ज़ल कम लिख पाता हूँ।
Comment by kanta roy on March 28, 2016 at 10:50am

प्रीतम सपने में आये थे।
सखि! मुझको बड़ा सताये थे।।
सुंदर वसन सजा तन पर,
वे मंद-मंद मुस्काये थे।
प्रीतम सपने में आये थे।.............वाह !  कितनी अनुपम , कोमल सी रचना  रची  है  आपने आदरणीय रामबली  जी , मुझे  कविता के  इन  सरसता में  जैसे सरस्वती के  दर्शन हुए . ह्रदय  झूम  -झूम  उठा  पढ़ते  ही . बहुत  -बहुत  बधाई  आपको   

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी आभार नई जानकारी प्राप्त हुई।"
6 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी सादर प्रणाम। ग़ज़ल तक आने व प्रतिक्रिया हेतु बहुत बहुत आभार आपका।"
8 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें।"
28 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें।"
29 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय प्रेम जी, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ। बधाई स्वीकार करें।"
31 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ। बधाई स्वीकार करें।"
32 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीया ऋचा जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें।"
35 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें।"
36 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें। "
36 minutes ago
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है। आइए…See More
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी आभार संज्ञान लेने के लिए आपका सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय मिथिलेश जी बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए सादर"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service