For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दोहा का रंग भोजपुरी के संग: संजीव वर्मा 'सलिल'

दोहा का रंग भोजपुरी के संग:


संजीव वर्मा 'सलिल'


सोना दहलs अगनि में, जैसे होल सुवर्ण.

भाव बिम्ब कल्पना छुअल, आखर भयल सुपर्ण..

*

सरस सरल जब-जब भयल, 'सलिल' भाव-अनुरक्ति.

तब-तब पाठकगण कहल, इहै काव्य अभिव्यक्ति..

*

पीर पिये अउ प्यार दे, इहै सृजन के रीत.

अंतर से अंतर भयल, दूर- कहल तब गीत..

*

निर्मल मन में रमत हे, सदा शारदा मात.

शब्द-शक्ति वरदान दे, वरदानी विख्यात..

*

मन ऐसन हहरल रहन, जइसन नदिया धार.

गले लगल दूरी मिटल, तोड़ल लाज पहार..

*

कुल्हि कहानी काल्ह के, गइल जवानी साँच.

प्रेम-पत्रिका बिसरि के, क्षेम-पत्रिका बाँच..

*

जतने जाला ज़िन्दगी, ओतने ही अभिमान.

तन संइथाला जेतने, मन होइल बलवान..

*

चोटिल नागिन के 'सलिल', ज़हरीली फुंकार.

बूढ बाघ घायल भयल, बच- लुक-छिप दे मार..

*

नेह-छोह राखब 'सलिल', धन-बल केकर मीत.

राउर मन से मन मिलल, साँस-साँस संगीत..

*

दिव्यनर्मदा.ब्लॉगस्पोट.कॉम

Tags: 'salil', -acharya, /samyik, angika, bhojpuree, bhojpuri, chhand, dilectics, doha, hindi

Views: 473

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on June 20, 2010 at 11:51am
जतने जाला ज़िन्दगी, ओतने ही अभिमान.
तन संइथाला जेतने, मन होइल बलवान..

निर्मल मन में रमत हे, सदा शारदा मात.
शब्द-शक्ति वरदान दे, वरदानी विख्यात..
बहुत ही सुंदर रचना है आचार्य जी, एक एक शब्द से भाव टपक रहे है, बहुत ही खूबसूरत और गहरे अर्थ युक्त रचना ,

प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on June 18, 2010 at 4:45pm
आदरणीय आचार्य जी, यद्यपि भोजपुरी मेरी मादरी ज़ुबान नहीं है, लेकिन हूँ तो मैं माँ भारती का ही बेटा ! इसलिए आपके भावों को समझने में मुझे कतई कोई परेशानी नहीं हुई ! वैसे तो प्रत्येक दोहा अपने अन्दर बहुत ही सुंदर सा अर्थ समोए हुए है, लेकिन आपके निम्नलिखित तीन दोहे दिल की गहरायी तक उतर गए :
//सोना दहलs अगनि में, जैसे होल सुवर्ण.
भाव बिम्ब कल्पना छुअल, आखर भयल सुपर्ण..//

//सरस सरल जब-जब भयल, 'सलिल' भाव-अनुरक्ति.
तब-तब पाठकगण कहल, इहै काव्य अभिव्यक्ति..//

//निर्मल मन में रमत हे, सदा शारदा मात.
शब्द-शक्ति वरदान दे, वरदानी विख्यात..//


आपके इन तीन दोहों में निहित सन्देश वाकई बहुत गहरा है और हर सच्चे कवि के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिशा निर्देश भी है ! में इस सारगर्भित काव्य रचना के लिए आपको ह्रदय से साधुवाद देता हूँ !
Comment by Admin on June 17, 2010 at 5:18pm
बहुत निमन लिखले बानी आचार्य जी, राउर इ दोहा त हमनी के हिंदी साहित्य मे पढ़नी जा, आ अब भोजपुरी रूपांतरण , कमाल के राउर लेखनी चलल बा इ दोहा मे, बहुत बढ़िया लागल इ राउर पोस्ट, बहुत बहुत बधाई इ पोस्ट खातिर,
एगो अउर निहोरा बा आचार्य जी ओपन बुक्स ऑनलाइन पर भोजपुरी रचना लिखे खातिर एगो अलग से 'भोजपुरी साहित्य" ग्रुप बनावल बा , निहोरा बा की आगे रौवा भोजपुरी के रचना वोइजे पोस्ट करे के कृपा करी, सुविधा खातिर हम लिंक भी नीचे दे देत बानी,
http://www.openbooksonline.com/group/bhojpuri_sahitya

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"आ.प्राची बहन, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
14 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"कहें अमावस पूर्णिमा, जिनके मन में प्रीत लिए प्रेम की चाँदनी, लिखें मिलन के गीतपूनम की रातें…"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"दोहावली***आती पूनम रात जब, मन में उमगे प्रीतकरे पूर्ण तब चाँदनी, मधुर मिलन की रीत।१।*चाहे…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"स्वागतम 🎉"
Friday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

१२२/१२२/१२२/१२२ * कथा निर्धनों की कभी बोल सिक्के सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के।१। * महल…See More
Thursday
Admin posted discussions
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Jul 7
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई, बह्र भी दी जानी चाहिए थी। ' बेदम' काफ़िया , शे'र ( 6 ) और  (…"
Jul 6
Chetan Prakash commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"अध्ययन करने के पश्चात स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है, उद्देश्य को प्राप्त कर ने में यद्यपि लेखक सफल…"
Jul 6

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"सुविचारित सुंदर आलेख "
Jul 5

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service