For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जंगल बदल चुके हैं

 जंगल बदल चुके हैं

चूँकि,  
जंगल बदल चुके हैं 
बस्तियों में या फिर 
फॉर्म हाउसेस में 
लिहाज़ा अब 
जंगल में  
हरे भरे फलों से लदे 
पेड़ नहीं मिलते 
दवाइयों वाली 
घनी झाड़ियाँ और 
और वनस्पतियां भी नहीं मिलती 

यहां तक कि 
जानवरों का राजा शेर 
भी इधर उधर घूमता 
नहीं मिलता 
वह अब सर्कस या 
चिड़ियाघर के पिंजड़े 
में मिलता है 
आज कल 
जंगल का राजा 
कुत्ता है 
उसके भी गले में चेन रहती है 
जो 
गरीबों व मज़बूरों पे खूब भोकता है 
और 
चोरों को देख कर पूछ हिलाता है 

कौवे जंगल के पेड़ों पे नहीं 
संसद और विधान सभा के 
गुम्बदों पे काँव - काँव करते पाये जाते हैं 
गौरैया 
तो होती ही शिकार करने की खातिर 
अब तो उसकी प्रजाति ही लुप्त होने का 
खतरा मंडरा रहा है 
बुलबुल - भी कम चहकती है 
डर के मारे 
लिहाज़ा - गौरैया और बुलबुल को तो 
भूल ही जाओ 
हाँ , गैंडे जरूर 
उसी शान से 
जंगल की जगह 
राज पथ पे अरर्राते 
देखे जा सकते हैं 
उहें क्या फर्क पड़ता है 
कि 
वे जंगल में हैं 
या राजपथ पे 
लोमड़ियों ने कुत्तों के साथ दोस्ती कर ली है 
लिहाज़ा वह भी खुश है 
सियार रंग बदल बदल के इन लोगों 
की हाँ में हाँ मिलाता है 
गिरगिट रंग बदल बदल के 
फार्म हाउसेस की 
लताओं पे 
चढ़ता उतरता रहता है 
लिहाज़ा दोस्त 
जंगल की अपनी 
पुरानी अवधारणा को बदल डालो 
जंगल में 
पेड़ पौधे 
और जानवर मत ढूंढो 
क्यूँ की ये खतरनाक जानवर 
इंसान की खतरनाक फितरत के 
आगे दम तोड़ चुके हैं 

मुकेश इलाहाबादी --------------

मौलिक और अप्रकाशित

Views: 527

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by MUKESH SRIVASTAVA on September 21, 2015 at 2:00pm

AADAR NIYE GIRRAJ JEE, MANOJ KUMAR AHSAAS JEE, DR, GOPAL NARAYANA SRIVASTAVA JEE AUR MITHILLESHWAR WAMANKAR JEE -AAP SABHEE LOGON KAA BAHUT BAHUT AABHAR  - RACHNAA PASANGEE KE LIYE AUR UTSAHWARDHAN KARNE KE LIYE-


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 21, 2015 at 12:05pm

आदरणीय मुकेश भाई , बहुत सुन्दर व्यंग्य रचना हुई है , दिली बधाई आपको ।

Comment by मनोज अहसास on September 17, 2015 at 8:44pm
आदरणीय मुकेश सर बहुत खूबसूरत प्रस्तुति
है हार्दिक बधाई आपको
सादर
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on September 17, 2015 at 8:03pm

और जानवर मत ढूंढो 
क्यूँ की ये खतरनाक जानवर 
इंसान की खतरनाक फितरत के 
आगे दम तोड़ चुके हैं -----------------------------सुन्दर  विचार .


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on September 17, 2015 at 5:19pm

आदरणीय मुकेश जी बढ़िया प्रस्तुति हुई है हार्दिक बधाई आपको 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय"
6 hours ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय  निलेश जी अच्छी ग़ज़ल हुई है, सादर बधाई इस ग़ज़ल के लिए।  "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि शुक्ल भैया,आपका अलग सा लहजा बहुत खूब है, सादर बधाई आपको। अच्छी ग़ज़ल हुई है।"
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"ब्रजेश जी, आप जो कह रहें हैं सब ठीक है।    पर मुद्दा "कृष्ण" या…"
Tuesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"क्या ही शानदार ग़ज़ल कही है आदरणीय शुक्ला जी... लाभ एवं हानि का था लक्ष्य उन के प्रेम मेंअस्तु…"
Monday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"उचित है आदरणीय अजय जी ,अतिरंजित तो लग रहा है हालाँकि असंभव सा नहीं है....मेरा तात्पर्य कि…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि भाईजी, इस प्रस्तुति के मोहपाश में तो हम एक अरसे बँधे थे. हमने अपनी एक यात्रा के दौरान…"
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,//आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति पर आने में मुझे विलम्ब हुआ है. कारण कि, मेरा निवास ही बदल रहा…"
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. अजय गुप्ता जी "
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service