For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पूछताछ /लघुकथा /कान्ता राॅय

" हो तेरी ...भीड़ ! क्या हो रहा है वहाँ बाहर ? लगता है रामचंद्र के छोरे को पुलिस पुछताछ में लगाई हुई है । जरूर कोई कांड करके आया है ये । "

"क्या कह रहे हो रनिया के बापू ... देखूं तो ..! दिन भर छोरे की तारीफ़ करती उसकी महतारी अघाती नहीं थी । जाकर अब जरा मुफ्त में अपना कलेजा ठंडा कर आती हूँ । "

"ठहरो , मै भी चलता हूँ । "

"क्या कांड किया हो दरोगा जी , इस लफंगे ने ?" - मुँछों पर ताव देकर ही मजा लिया जा सकता है... सो लगे रहे चुटकियों से मुँछे उमेठने में ।

" ये तुम्हारे यहाँ का छोरा बहुत बडा काँड करके आया है । कल शाम समंदर के किनारे गुब्बारे बेचने नहीं जान की बाजी लगा एक बच्ची को बचा कर आया है । पेपर में छपने वाला है ये ।

देश के बहादुर बच्चों में हम इसको नामंकित करने आये है । "

दरोगा ने आँखे तरेर कर उसकी तरफ देख फिर अचानक उस छोरे की तरफ मुड़ उसकी पीठ ठोंक लिखा - पढी करने में लग गये ।
ताव वाली मुँछ अब नीचे की ओर ससर कर मुँह में जा रही थी ।

मौलिक और अप्रकाशित

Views: 506

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 21, 2015 at 12:16am

जलन और डाह को सार्थक फटकार मिली है आदरणीया कान्ताजी. 

हार्दिक बधाई 

Comment by kanta roy on August 13, 2015 at 11:48am
आदरणीय ओमप्रकाश जी आभार आपको कि आपको मुँछो की ताव पसंद आई । सादर
Comment by kanta roy on August 13, 2015 at 11:46am
आभार आपको आदरणीया प्रतिभा जी रचना पसंद करने हेतु ।
Comment by Omprakash Kshatriya on August 10, 2015 at 5:59pm
आ कान्त जी , मुछो पर ताव देने वालो की ओकात दिखाती सुन्दर लघुकथा आप की ।
Comment by kanta roy on August 10, 2015 at 12:30pm
वाह !!! बहुत - बहुत शुक्रिया आपको आदरणीय मिथिलेश जी , शीर्षक को लेकर बडे़ ही पशोपेश में थी मै , जो कि आपने पल भर में ही इसका निराकरण कर दिये । " पूछताछ " ..... अति उत्तम । वाक्य के सुधार पर भी नजर करती हूँ अभी तुरंत ।आभार एक बार फिर से । सादर
Comment by pratibha pande on August 10, 2015 at 12:15pm
'ताव वाली मूंछ अब नीचे की ओर ससर कर मुहँ में जा रही थी 'मूंछों की गत को क्या बढ़िया शब्द दियें हैं वाह कांता जी

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on August 10, 2015 at 12:13pm

आदरणीया कांता जी, बढ़िया लघुकथा हुई है. इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई. 

 काँड /काण्ड / कांड..... ? पुछताछ / पूछताछ 

कल शाम समंदर के किनारे गुब्बारे बेचने नहीं जान की बाजी लगा एक बच्ची को बचा कर आया है । पेपर में छपने वाला है ये ।

वाक्य विन्यास देख लीजियेगा. पुछताछ

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service