For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लघुकथा – इच्छा  

“ आज ऐसा माल मिलना चाहिए जिसे मेरे अलावा कोई और छू न सके,” कहते हुए ठाकुर साहब ने नोटों की गड्डी अपनी रखैल बुलबुल के पास रख दी और वहां से उठा कर हवेली के अपने कमरे में चल दिए.

“ जी सरकार ! इंतजाम हो जाएगा, ” कहते ही बुलबुल को याद आया कि सुबह ठकुराइन ने कहा था, ‘ बुलबुल बहन ! ठाकुर साहब तो आजकल मेरी और देखते ही नहीं. मैं क्या करूं ? ताकि उन को पा सकूं ? ’

यह याद आते ही उस की आँखों में चमक आ गई. उस ने नोटों से भरा बेग उठाया. फिर गुमनाम राह पर जाते-जाते ठाकुर और ठकुराइन को यह खबर भेज दी कि आज आप दोनों रात को दस बजे उस के अँधेरे कमरे में आ जाए, “ आप की इच्छा पूरी हो जाएगी.”  और बुलबुल उड़ गई.

                              -----------------------------------

मौलिक और अप्रकाशित 

Views: 1170

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Omprakash Kshatriya on August 5, 2015 at 1:18pm
आभार आ तेज वीर सिंह जी आप की प्रतिक्रिया मुझे सदा प्रोत्साहित करती है ।
Comment by Omprakash Kshatriya on August 5, 2015 at 1:17pm
शुक्रिया आ सविता जी लघुकथा को सुन्दर कहने के लिए ।
Comment by Omprakash Kshatriya on August 5, 2015 at 1:15pm
आभार आप का आ मिथिलेश जी लघुकथा के अनुमोदन हेतु ।
Comment by savitamishra on August 5, 2015 at 12:16pm

बढ़िया कथा सादर _/\_


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on August 5, 2015 at 11:47am

इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय ओमप्रकाश जी

Comment by TEJ VEER SINGH on August 5, 2015 at 10:39am

आदरणीय ओमप्रकाश जी, हार्दिक बधाई!"जिसकी जूती उसी का सिर" वाली कहावत चरितार्थ कर दी!मज़ा आगया!अति उत्तम!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service