For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नारी ( चंद दोहे )

भूले से मत कीजिये, नारी का अपमान 

नारी जीवन दायिनी, नारी है वरदान             II 1 II

 

माँ बनकर देती जनम, पत्नी बन संतान

जीवन भर छाया करे, नारी वृक्ष समान      II 2 II

 

नारी भारत वर्ष की, रखे अलग पहचान

ले आई यमराज से, वापस पति के प्रान     II 3 II

 

नारी कोमल निर्मला,  होती फूल समान

वक्त पड़े तो थाम ले, बरछी तीर कमान    II 4 II

 

नारी के अंतर बसे, सहनशीलता आन

ये है मूरत त्याग की, नित्य करे बलिदान   II 5 II

 

नारी को मत मानिये, दुर्बल अबला-जान    

दुर्गा काली कालिका, नारी है तूफ़ान        II 6 II

 

युगों-युगों से ये जगत, ठहरा पुरुष प्रधान   

कदम-कदम पर रोकता, नारी का उत्थान     II 7 II

 

जितना गाओ कम लगे, नारी का गुणगान 

जी चाहे कण-कण करे, नारी का सम्मान   II 8 II

------------------------------------------------------------------------
 ( मौलिक व अप्रकाशित ) 

Views: 14807

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on August 2, 2017 at 2:02pm

नारी पर केन्द्रित सुंदर दोहे लिखे है आपने आदरणीय सचिन जी | हार्दिक बधाई |

Comment by Sachin Dev on July 23, 2015 at 12:58pm

आ. महर्षि त्रिपाठी जी आपका हार्दिक आभार ! 

Comment by Sachin Dev on July 23, 2015 at 12:57pm

आ. श्री सुनील जी आपका हार्दिक आभार ....... प्रोत्साहन के लिए ! 

Comment by maharshi tripathi on July 22, 2015 at 11:08pm

नारी को मत मानिये, दुर्बल अबला-जान    

दुर्गा काली कालिका, नारी है तूफ़ान   ,,,,बहुत खूब ,आ. Sachin Dev जी |

Comment by shree suneel on July 22, 2015 at 9:50pm
नारी को केन्द्रित कर आपने अच्छे दोहे गढ़े हैं आदरणीय सचिन देव जी. बधाई इस प्रस्तुति पर आपको.
Comment by Sachin Dev on July 22, 2015 at 1:32pm

आ. राहुल दांगी जी आपका हार्दिक आभार .... 

Comment by Rahul Dangi Panchal on July 22, 2015 at 10:18am
बहुत ही लाजवाब दोहें हए आदरणीय
Comment by Sachin Dev on July 21, 2015 at 1:29pm

आदरणीय गिरिराज जी, सदा की तरह दोहों पर आपका प्रोत्साहन पाकर हार्दिक प्रसन्नता हुई ! साथ ही एक दोहे मैं व्याप्त त्रुटि की ओर ध्यानाकर्षण कराने के लिए ह्रदय से आभार ! उस दोहे मैं सुधार का प्रयास करता हूँ ! सादर धन्यवाद ! 

Comment by Sachin Dev on July 21, 2015 at 1:26pm

आदरणीय राजेश कुमारी जी, आपका हार्दिक आभार दोहे - पसंद करने और उन पर उत्साहवर्धन के लिए ! 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 21, 2015 at 11:09am

आदरणीया सचिन भाई , नारी पर आपसे सभी दोहे बहुत अच्छे लगे , हार्दिक बधाई आपको । 6 नबर के दोहे मे जानिये और जान एक साथा सही नही लग रहा है । देख लीजियेगा

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण भाईजी, आपने प्रदत्त चित्र के मर्म को समझा और तदनुरूप आपने भाव को शाब्दिक भी…"
12 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"  सरसी छंद  : हार हताशा छुपा रहे हैं, मोर   मचाते  शोर । व्यर्थ पीटते…"
17 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ रोहिंग्या औ बांग्ला देशी, बदल रहे परिवेश। शत्रु बोध यदि नहीं हुआ तो, पछताएगा…"
19 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय, जय हो "
yesterday
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Dec 14
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Dec 14
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Dec 14
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service