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गज़ल - फिल बदीह -- हमारा यक़ीं चाँद से उठ गया ( गिरिराज भंडारी )

122   122   122  12

 

अँधेरों के मित्रो,  हवा दीजिये

मै जलता दिया हूँ बुझा दीजिये

 

लिये आइना सब से मिलता रहा

सभी अब मुझे बद्दुआ दीजिये

 

हमारा यक़ीं चाँद से उठ गया

हमे जुगनुओं का पता दीजिये

 

पुकारा था हमने उसे बार बार

न कहना उसे फिर सदा दीजिये

 

मेरी बातें कब राज होने लगीं

जिसे आप चाहें बता दीजिये

 

मेरे आबला खुश हुये देख कर

कहूँ क्यूँ ? मै पत्थर हटा दीजिये

 

भुला कर ख़ुदी को मिला सबसे मैं

मुझे आज मुझसे मिला दीजिये  

********************************

मौलिक एवँ अप्रकाशित

 

 

 

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Comment by मोहन बेगोवाल on June 28, 2015 at 1:09pm

  

    आदरणीय गिरिराज जी , आप जी की कही ग़ज़ल  अच्छी लगी , खास करके ये शे'र

    हमारा यक़ीं चाँद से उठ गया

     हमे जुगनुओं का पता दीजिये - बधाई हो 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on June 28, 2015 at 4:29am

ग़ज़ल कमाल और ये शेर बेमिसाल -

हमारा यक़ीं चाँद से उठ गया

हमे जुगनुओं का पता दीजिये

Comment by Rahul Dangi Panchal on June 26, 2015 at 9:49pm
बहुत ही खूब

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 26, 2015 at 9:29pm

आदरणीय कृष्णा भाई , सराहना के लिये आपका हृदय से आभारी हूँ ॥


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 26, 2015 at 9:28pm

आदरणीय वीनस भाई , उत्साह वर्धन के लिये आपका हृदय से आभारी हूँ । आपका इंतिज़ार  रहेगा आदरणीय ॥

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on June 26, 2015 at 8:39pm

बहुत मिल लिया यारों ग़ैरों से अब  

मुझे आज मुझसे मिला दीजिये 

लाजवाब आ०! नमन्!

Comment by वीनस केसरी on June 26, 2015 at 12:11am

हमारा यक़ीं चाँद से उठ गया

हमे जुगनुओं का पता दीजिये .......हासिले ग़ज़ल शेर है

ग़ज़ल पर फिर से आऊंगा ..



सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 25, 2015 at 8:41pm

आदरणीय केवल भाई , सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार ।

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on June 25, 2015 at 8:34pm

वाह क्या बात है...

//मेरी बातें कब राज होने लगीं

सरे बज़्म सबको बता दीजिये//

आ0 भंडारी भाई जी....शानदार गज़ल के लिये दाद कुबूल फरमायें . सादर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 25, 2015 at 3:10pm

आदरणीय नरेन्द्र भाई ,  सराहना के लिये आपका हृदय से आभारी हूँ ॥

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