For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पर्यावण संरक्षण ( कहानी )


सभा कक्ष में सन्नाटा था , औचक़ मीटिंग बुलाई गयी थी । सभी कयास लगा रहे थे कि क्या वज़ह हो सकती है इसकी । इतने में जिलाधिकारी महोदय ने प्रवेश किया , पीछे पीछे मुख्य विकास अधिकारी और अन्य अधिकारीगण भी अंदर आये । बिना समय जाया किया जिलाधिकारी साहब मुद्दे पर आ गए ।
" अभी अभी मुख्यमंत्री सचिवालय से फोन आया है कि मुख्यमंत्री महोदय परसों पर्यावरण दिवस पर वृक्षारोपण के लिए अपने जिले में आ रहे हैं । किस जगह पर ये कार्यक्रम करवाना ठीक रहेगा , आप लोग अपनी राय दें "।
अभी उनकी बात ख़त्म भी नहीं हुई थी कि एक अधिकारी खड़े हो गए " सर पिछली बार भी तो हुआ था वृक्षारोपण कार्यक्रम अपने कार्यालय के पास , वहीँ करवा देते हैं "।
" नहीं , वहां नहीं , पिछली बार लगाये गए पेड़ तो सूख गए हैं । अगर उन्होंने पूछ लिया तो , हम रिस्क नहीं ले सकते ", जिला विकास अधिकारी साहब ने तुरंत टोका ।
" तो ठीक है, कोई और जगह बताईये , लेकिन जगह ऐसी हो जहाँ आसानी से जा सकें उनको लेकर और रास्ता भी बढ़िया हो ", मुख्य विकास अधिकारी साहब के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ़ दिखाई पड़ रही थी ।
थोड़ी देर शांति रही , फिर एक कनिष्ठ अधिकारी खड़े हुए और गला खँखारते हुए बोले " सर अगर बुरा न मानें तो मैं कुछ कहूँ "।
" कहिये ", सक्षिप्त उत्तर आया जिलाधिकारी साहब का ।
" क्यों न हम उनको अपने आदर्श ग्राम में ले चलें , बिलकुल शहर से सटा हुआ है और वहाँ हेलीकाप्टर भी उतर सकता है । पिछले मुख्यमंत्री महोदय तो सीधे वहां हेलिकॉप्टर से ही चले गए थे , सड़क वगैरह के झंझट से भी मुक्ति मिल जाएगी । पेड़ तो चाहे जितने लगा लेंगे वहाँ पर "।
मुख्य विकास अधिकारी के चेहरे पर मुस्कान फ़ैल गयी , उन्होंने जिलाधिकारी महोदय की ओर देखा । उनका चेहरा भी संतुष्ट लग रहा था ।
" तो ठीक है , वही जगह उचित रहेगी । आप तुरंत वहां जाकर देख लीजिये और हेलीकॉप्टर उतरने की जगह भी ठीक करा दीजिये ", जिलाधिकारी साहब ने मुख्य विकास अधिकारी को सम्बोधित करते हुए कहा और उठ गए । सारे लोग उठ खड़े हुए और उनके पीछे पीछे निकल गए ।
मुख्य विकास अधिकारी ने उस कनिष्ठ अफ़सर को बुलाया और अपने कक्ष में चले गए । थोड़ी देर बाद उनकी गाड़ी आदर्श ग्राम की ओर चल पड़ी । रास्ते भर कार्यक्रम के बारे में बात होती रही और वो अफ़सर सब नोट करता गया । गाँव पहुँच कर मुख्य विकास अधिकारी को राहत मिली , जगह ठीक थी और आबादी भी बहुत पिछड़े लोगों की नहीं थी । पेड़ लगाने की जगह का चुनाव किया उन्होंने और फोन पर जिलाधिकारी महोदय को सूचित कर दिया । फिर वो लोग उस जगह की तरफ़ चले जहाँ हेलीकॉप्टर को उतरना था । रास्ता ठीक ठाक था लेकिन कुछ पेड़ ऐसे थे जिनकी डालियाँ रास्ते में आ रहीं थीं । उन्होंने गाड़ी रुकवाई और उतर कर देखने लगे , अफ़सर को बात समझ में आ गयी । उसने उनको आश्वस्त कर दिया कि इनकी छंटाई करवा दी जाएगी और रास्ता साफ़ रहेगा । मुख्य विकास अधिकारी संतुष्ट हो गए और फिर वो लोग वापस कार्यालय चल दिए ।
दफ्तर पहुँच कर वो जिलाधिकारी महोदय के कक्ष में गए और स्थिति की जानकारी दी । अब सारे कार्यक्रम की रुपरेखा फाइनल होने लगी और कुछ ही देर में तमाम अधिकारियों और ठेकेदारों को काम पर लगा दिया गया । गाँव की साफ़ सफाई के लिए टीम तैयार हो गयी और उस अफ़सर के नेतृत्व में टीम गॉँव की ओर चल पड़ी । इधर गाँव में सफाई जोरों पर थी और दूसरी तरफ़ वो अफ़सर एक ठेकेदार के साथ पेड़ों के पास पहुँचा । डालियों की छँटाई की बात सुनते ही ठेकेदार ने अफ़सर को धीरे से समझाया " अरे साहब , क्या छँटाई करना , पेड़ ही कटवा देता हूँ । रास्ता भी साफ़ हो जायेगा और लकड़ियाँ भी मिल जाएँगी "। बात उनकी समझ में आ गयी लेकिन हिदायत देते हुए बोले " देखो , पता नहीं चले कि यहाँ कोई पेड़ भी था , बाक़ी ईमानदारी से लकड़ियाँ हमारे यहाँ पहुँचवा देना "।
अगले दिन रात होते होते गाँव चमक गया था , हेलिपैड से गाँव पहुँचने का रास्ता एकदम साफ़ था और उस रास्ते में पड़ने वाले दो पेड़ सफाई से काट दिए गए थे । फिर वृक्षारोपण का कार्यक्रम भी सकुशल संपन्न हो गया और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक और क़दम बढ़ा दिया गया ।

 मौलिक एवम अप्रकाशित

Views: 665

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by विनय कुमार on June 6, 2015 at 11:06pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय डॉ विजय शंकर जी , सरकारी कार्यक्रम ऐसे ही चलते हैं ..

Comment by Dr. Vijai Shanker on June 6, 2015 at 10:38pm

व्यवस्था में कार्यक्रम इसी प्रकार सफल होते हैं , कभी कभी बड़ी कीमत पर।
सही व्यंग है , बधाई , आदरणीय विनय जी, सादर।

Comment by विनय कुमार on June 6, 2015 at 7:43pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय महर्षि त्रिपाठीजी..

Comment by maharshi tripathi on June 6, 2015 at 7:29pm

बहुत सुन्दर लघुकथा आ.विनय कुमार जी |

Comment by विनय कुमार on June 6, 2015 at 1:49pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय  डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी.. 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on June 6, 2015 at 1:19pm

विनय जी कथा अच्छी है . व्यंग भी और रंग भी

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"धन्यवाद"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ऑनलाइन संगोष्ठी एक बढ़िया विचार आदरणीया। "
2 hours ago
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"इस सफ़ल आयोजन हेतु बहुत बहुत बधाई। ओबीओ ज़िंदाबाद!"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"बहुत सुंदर अभी मन में इच्छा जन्मी कि ओबीओ की ऑनलाइन संगोष्ठी भी कर सकते हैं मासिक ईश्वर…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a discussion

ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024

ओबीओ भोपाल इकाई की मासिक साहित्यिक संगोष्ठी, दुष्यन्त कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय, शिवाजी…See More
Sunday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय जयनित जी बहुत शुक्रिया आपका ,जी ज़रूर सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय संजय जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियों से जानकारी…"
Saturday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"बहुत बहुत शुक्रिया आ सुकून मिला अब जाकर सादर 🙏"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"ठीक है "
Saturday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"शुक्रिया आ सादर हम जिसे अपना लहू लख़्त-ए-जिगर कहते थे सबसे पहले तो उसी हाथ में खंज़र निकला …"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"लख़्त ए जिगर अपने बच्चे के लिए इस्तेमाल किया जाता है  यहाँ सनम शब्द हटा दें "
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service