For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कुछ बनना होगा ........'इंतज़ार'

तुम दीया हो तो मुझे बाती बनना होगा
तेरा साथ पाने को चाहे मुझे जलना होगा !

तुम अगर रात हो तो मुझे अँधेरा बनना होगा
तुम से मिलने को मुझे सवेरों से लड़ना होगा !

तुम ग़र दरिया हो तो मुझे समन्दर बनना होगा
तुमको फिर मुहब्बत में मुझ से मिलना होगा !

तुम अगर हवा हो तो मुझे धूल बनना होगा
मुझे आगोश में ले आँधियों में तुम्हें उड़ना होगा !

तुम अगर चाँद हो तो मुझे चकोरी बनना होगा
तुमको हर रात मेरा मिलन का गीत सुनना होगा !

फूल ग़र तुम हो तो मुझे भंवरा बनना होगा
बोसों के लिये फिर 'इंतज़ार' को ना डरना होगा !

*********************************************

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 656

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on April 23, 2015 at 9:54am

आदरणीय गिरिराज भंडारी जी हार्दिक धन्यवाद ...सादर 

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on April 23, 2015 at 9:53am

आदरणीय जितेन्द्र पस्टारिया जी आभार पसंदगी के लिये ...सादर 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on April 22, 2015 at 3:53pm

बहुत सुन्दर भाव पूर्ण रचना , आदरणीय आपको हार्दिक बधाइयाँ ॥

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 22, 2015 at 10:09am

बहुत सुंदर प्रस्तुति. बधाई स्वीकारें आदरणीय मोहन जी

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on April 22, 2015 at 7:37am

आदरणीय krishna mishra 'jaan'gorakhpuri जी आपकी उपस्थिति और सराहना के लिये हार्दिक आभार ...सादर 

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on April 22, 2015 at 7:36am

आदरणीय Dr. Vijai Shanker जी बहुत बहुत आभार प्रसंशा के लिये ...सादर 

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on April 22, 2015 at 7:35am

आदरणीया Tanuja Upreti जी हार्दिक धन्यवाद ...सादर 

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on April 22, 2015 at 7:34am

आदरणीय Samar kabeer जी उत्साहवर्धन के लिये आभार ...सादर 

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on April 22, 2015 at 7:33am

आदरणीय MUKESH SRIVASTAVA जी धन्यवाद ...सादर 

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on April 22, 2015 at 7:32am

आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी आभार ..सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
12 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
19 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
19 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
20 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
21 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
21 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
21 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
22 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
23 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
yesterday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
Thursday
LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service