For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लघुकथा : केंचुल आवरण

हरिद्वार से कुल गुरू का आगमन क्या हुआ ...अलका के तो इसबार होश ही फाख्ता हो गये ।

तीन लडकियों को जनने का दर्द कोख में फिर जाग उठा था ।

कुलगुरु के अलौकिक सानिध्य ही उसके पुत्र प्राप्ति का एकमात्र विकल्प सुन कर वह स्तब्ध थी ।

पति की झूकी हुई नजर देख कर अलका का अंतर्मन कराह उठा था ।

सती सावित्री सीता ... माँ दुर्गा ..माँ चंडिका रूप धर कर दुःसाध्य - कार्य करने को आज आतुर थी ।

धर्म के आड़ में समस्त अनाचार जग जाहिर हो गये । ...... खोखले रिश्ते अपने केंचुल आवरण से अब बाहर निकल रहे थे ।

(मौलिक और अप्रकाशित)

Views: 656

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by kanta roy on May 18, 2015 at 10:22pm
आभार आपको आदरणीय कृष्णा मिश्रा 'जान गोरखपूरी ' जी
Comment by kanta roy on May 18, 2015 at 10:21pm
हृदय तल से आभार आपको आदरणीया राजेश कुमारी जी आपको रचना सराहने हेतु ।
Comment by kanta roy on May 18, 2015 at 10:20pm
बिलकुल सही मार्गदर्शन दिया है आपने आदरणीय श्री गणेश बागी जी शीर्षक के संदर्भ में ..... आभार मेरा हौसला वर्धन के लिए
Comment by kanta roy on May 18, 2015 at 10:08pm
आपने बिलकुल सही कहा आदरणीय डा. गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी , कहानी तो वही पूरानी है और यह समाज में आज भी कल की तरह ही घटित हो रही है । आभार आपको प्रोत्साहन भरे शब्दों के लिए ।
Comment by kanta roy on May 18, 2015 at 9:58pm
आदरणीय जितेन्द्र पस्टारिया जी हृदय तल से आभार आपको कथा पसंद करने के लिए
Comment by kanta roy on May 18, 2015 at 9:56pm
बहुत बहुत आभार आपको आदरणीया प्रतिभा त्रिपाठी जी रचना को पसंद करने के लिए
Comment by kanta roy on May 18, 2015 at 9:53pm
आभार आपको आदरणीय पंकज जी कथा पसंद करने के लिए
Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on April 19, 2015 at 8:12pm

सुन्दर लघुकथा पर बधाई आदरणीया कांता जी!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 19, 2015 at 9:08am

कहानी वही है किन्तु लघु कथा का  सकारात्मक,प्रेरणास्पद  अंत मन को भा गया काश सब को ये सद्बुद्धि और हिम्मत पहले ही आ जाए  ..तो ऐसे अनाचारी चरित्रों का अनावरण पहले ही हो जाए .अच्छी लघु कथा .हार्दिक बधाई कांता रॉय जी 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 18, 2015 at 7:12pm

इस विषय पर काफी कुछ कहा सुना गया है इसलिए जो प्रभाव उत्पन्न होना चाहिए वो नहीं हो पा रहा है. बात स्पष्ट रूप से निकल कर बाहर आ रही है इसके लिए बधाई आपको.

एक बात : केचुल आवरण की जगह केवल केचुल कहने से भी बात बन रही है.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service