For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

होली का हुड़दंग न खेला, तो क्या खेला जीवन मेें,
भौजी के संग रंग न खेला, तो क्या खेला जीवन में।
फगुआ की मदमस्त हवा में, जन-जन है बौराय रहा,
मानव तो मानव है, देखौ पादप भी बौराय रहा।
नगर-नगर और गली गली में होरियारे गोहराय रहे,
होली का हुड़दंग न खेला तो क्या खेला जीवन में।
पप्पू, रामू, मुन्नू, सोनू सबके हाथों में पिचकारी,
घर से निकली बबली गोरी बौछारों के सम्मुख हारी।
ढोल, नगाड़े, ताशे के संग होरियारों की टोली निकली,
रंग गुलाल गाल को रंगो हुड़दंगो की बोली निकली,
गली-गली औ डगर-डगर में होरियारे गोहराय रहे।
साली के संग रंग न खेला तो क्या खेला जीवन में,
होली का हुड़दंग न खेला तो क्या खेला जीवन में।
अतुल अवस्थी *अतुल*
मो.-9838642000
"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 454

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Shyam Mathpal on March 10, 2015 at 10:15am

Aadarniya Atul ji,

Holi ka achha chitran kiya hai  Badhai .

Rang main Rang Milane se range badalte hain.

Wakt ke saath aadami Ke Dhang Badalte hain

Safar Shuru to kijiye kaee sang Badalte hai.

Comment by maharshi tripathi on March 9, 2015 at 6:15pm

पप्पू, रामू, मुन्नू, सोनू सबके हाथों में पिचकारी,
घर से निकली बबली गोरी बौछारों के सम्मुख हारी।,,,,,,,,,,,,,,सुन्दर अभिव्यक्ति पर बधाई आ.अतुल जी | 

Comment by Hari Prakash Dubey on March 8, 2015 at 11:56am

आदरणीय अतुल अवस्थी जी सुन्दर रचना है ,हार्दिक बधाई आपको ! सादर 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 7, 2015 at 8:57pm

अतुल जी

बढिया लिखा i आप महोत्सव में रचना क्यों नहीं पोस्ट की i   कोई बात नहीं i शुभ होली i

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम -. . . . . शाश्वत सत्य
"आदरणीय सुशील सरना सर, सर्वप्रथम दोहावली के लिए बधाई, जा वन पर केंद्रित अच्छे दोहे हुए हैं। एक-दो…"
14 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
36 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सुशील सरना जी उत्सावर्धक शब्दों के लिए आपका बहुत शुक्रिया"
36 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय निलेश भाई, ग़ज़ल को समय देने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया। आपके फोन का इंतज़ार है।"
36 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"मोहतरम अमीरुद्दीन अमीर 'बागपतवी' साहिब बहुत शुक्रिया। उस शे'र में 'उतरना'…"
38 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सौरभ सर,ग़ज़ल पर विस्तृत टिप्पणी एवं सुझावों के लिए हार्दिक आभार। आपकी प्रतिक्रिया हमेशा…"
41 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय गिरिराज भंडारी जी, ग़ज़ल को समय देने एवं उत्साहवर्धक टिप्पणी के लिए आपका हार्दिक आभार"
42 minutes ago
Sushil Sarna posted blog posts
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar posted a blog post

ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा

आँखों की बीनाई जैसा वो चेहरा पुरवाई जैसा. . तेरा होना क्यूँ लगता है गर्मी में अमराई जैसा. . तेरे…See More
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सौरभ सर, मैं इस क़ाबिल तो नहीं... ये आपकी ज़र्रा नवाज़ी है। सादर। "
17 hours ago
Sushil Sarna commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय जी  इस दिलकश ग़ज़ल के लिए दिल से मुबारकबाद सर"
17 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया और सुझाव  का दिल से आभार । प्रयास रहेगा पालना…"
17 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service