For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"आत्मायें बिक चुकीं हैं"

आत्मायें,

बिक चुकीं हैं,

बेचीं जा रहीं हैं,

कुछ असहाय,बिचारीं हैं,

कुछ म्रत्प्रायः,

कुछ मर चुकी हैं !

शरीर,

उन मृत आत्माओं का,

बोझ ढोए जा रहें हैं !

शब्द,

खो चुके अपना अर्थ,

उन अर्थहीन शब्दों से,

अच्छे दिनों के नारे लगा रहें हैं !

पैर,

चलना नहीं चाहते,

उन अनिच्छुक पैरों को ,

अच्छे दिनों की आस में,

कंटक पथों पर जबरन चला रहें हैं !

ईश्वर,

रंगमंच पर विद्यमान है,

नाटक वही है,

दृश्य पर दृश्य,

बदलते जा रहें हैं !

लोग,

घायल दिलों से,

सवाल कर रहें हैं,

अच्छे दिन कब आ रहें हैं ?

 

© हरि प्रकाश दुबे

"मौलिक व अप्रकाशित"

 

Views: 821

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Hari Prakash Dubey on January 16, 2015 at 10:55am

शिशिर जी आपका बहुत बहुत  धन्यवाद !

Comment by Hari Prakash Dubey on January 16, 2015 at 10:52am

आपका बहुत - बहुत धन्यवाद ,आदरणीया सीमा तिवारी  जी ! सादर

Comment by Hari Prakash Dubey on January 16, 2015 at 10:50am

आदरणीय गिरिराज सर  ,उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभार ! सादर

Comment by Hari Prakash Dubey on January 16, 2015 at 10:47am

आपका हार्दिक आभार आदरणीय डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव सर, सादर !

Comment by Hari Prakash Dubey on January 16, 2015 at 10:45am

आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय  लक्ष्मण धामी जी !

Comment by Hari Prakash Dubey on January 16, 2015 at 10:43am

रचना पर आपकी प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार आदरणीय  श्याम नारायण वर्मा  जी !.

Comment by Hari Prakash Dubey on January 15, 2015 at 8:21pm

आपकी प्रतिक्रिया से उत्साह मिला  आपका बहुत - बहुत धन्यवाद ,आदरणीया प्रतिभा त्रिपाठी जी ! सादर

Comment by seematiwari on January 15, 2015 at 12:20pm

ईश्वर,

रंगमंच पर विद्यमान है,

नाटक वही है,

दृश्य पर दृश्य,

बदलते जा रहें हैं !

लोग,

घायल दिलों से,

सवाल कर रहें हैं,

अच्छे दिन कब आ रहें हैं ?........क्या बात है !!!! बहुत सुंदर.....

Comment by Shishir Dwivedi on January 14, 2015 at 11:32pm
बहुत सुन्दर रचना है। बहुत बधाई आप को
Comment by Hari Prakash Dubey on January 14, 2015 at 8:54pm

आदरणीय जवाहर जी ,हार्दिक आभार आपका , रचना अपने मर्म को समझाने में कामयाब रही शायद ! सादर !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"  सरसी छंद  : हार हताशा छुपा रहे हैं, मोर   मचाते  शोर । व्यर्थ पीटते…"
4 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ रोहिंग्या औ बांग्ला देशी, बदल रहे परिवेश। शत्रु बोध यदि नहीं हुआ तो, पछताएगा…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय, जय हो "
20 hours ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
22 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Dec 14
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Dec 14
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Dec 14
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service