For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

माॅर्निंग अखबार (लघुकथा)

"अनुपमा, इस पुलिस की नौकरी की तनख्वाह से तो घर चलाना बहुत मुश्किल हो रहा है। बच्चे भी बड़े हो रहे हैं। कैसे इनको हम उच्च शिक्षा और सही परवरिश दे पाएंगे?"
"आप ठीक कह रहे हो लेकिन इसका समाधान भी तो नहीं है।"
"समाधान तो है अगर तुम साथ दो तो.....।"
"पहले बताओ तो! क्या समाधान है?"
"तुम्हें बस एक बार मंत्री जी के पास माॅर्निंग का अखबार लेकर जाना होगा। फिर मेरा ट्रांसफर ऐसी जगह हो जाएगा जहाँ तनख्वाह से कई गुना ऊपर की कमाई होगी।"
अनुपमा की माॅर्निंग अखबार की सहमति ने परिवार की सारी आर्थिक परेशानियाँ दूर कर दी।

मौलिक और अप्रकाशित

Views: 651

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by विनोद खनगवाल on November 26, 2014 at 3:30pm
आदरणीय शर्मा सर जी, सबकुछ भौतिकता की बली चढ रहा है। धन्यवाद आपका रचना को समय देने के लिए।
Comment by विनोद खनगवाल on November 26, 2014 at 3:22pm
आदरणीय डॉ गोपाल नारायन जी धन्यवाद
Comment by harivallabh sharma on November 26, 2014 at 3:12pm

अपनी बेहतरी के लिए इतने घटिया रास्ते भी अख्तियार करने से भी न हिचकने वाले कापुरुष निंदनीय हैं..और ऐसी व्यवस्था भी...आपने साक्षात घटित होते चरित्र उजागर किये...बधाई सटीक लघुकथा हेतु.

Comment by विनोद खनगवाल on November 26, 2014 at 1:29pm
आ. राजेश सही कह रहे हो आप। धन्यवाद
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on November 26, 2014 at 12:55pm

विनोद जी

आपकी इस लघु कथा ने मन मोह लिया  i पता  नहीं यह पुलिसिया चरित्र  है  या फिर सारी मानवता ही निर्मुल्य हो चुकी है  i  सादर i


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 26, 2014 at 12:08pm

क्या क्या हथकंडे अपनाते हैं ऐसे मर्द ...या कहूँ नामर्द .......

जबरदस्त कटाक्ष करती है लघुकथा ऐसी घिनौनी मानसिकता पर ..बहुत- बहुत बधाई आपको .

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . लक्ष्य

दोहा सप्तक. . . . . लक्ष्यकैसे क्यों को  छोड़  कर, करते रहो  प्रयास । लक्ष्य  भेद  का मंत्र है, मन …See More
1 hour ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज जी, ओबीओ के प्रधान संपादक हैं और हम सब के सम्माननीय और आदरणीय हैं। उन्होंने जो भी…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय अमीरुद्दीन साहब, आपने जो सुझाव बताए हैं वे वस्तुतः गजल को लेकर आपकी समृद्ध समझ और आपके…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सुशील भाई , दोहों के लिए आपको हार्दिक बधाई , आदरणीय सौरभ भाई जी की सलाहों कर ध्यान…"
2 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । "
3 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ।... मतले पर…"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय शिज्जु "शकूर" जी आदाब अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ, कुछ सुझाव पेश…"
4 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"ऐसे😁😁"
16 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"अरे, ये तो कमाल  हो गया.. "
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय नीलेश भाई, पहले तो ये बताइए, ओबीओ पर टिप्पणी करने में आपने इमोजी कैसे इंफ्यूज की ? हम कई बार…"
17 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आपके फैन इंतज़ार में बूढे हो गए हुज़ूर  😜"
17 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service