For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

(गीतिका छंद)

14-14 मात्राए 


खुद पर तो विश्वास करे
अपना स्वयं विकास करे |

कुदरत से खिलवाड करे,
मेघ बरस कर नाश करे |

पर्यावरण का ध्यान धरे,
तब कुदरत से आस करे |

सभी वृक्ष भी जीव धरे
पक्षी जहां प्रवास करें |

मन से हम संकल्प करे
सब में हम विश्वास करे |

दुखिया से कभी पूछ्ले
काहे सदा उदास रहे |

उनसे हम क्या बात करे
आये दिन बकवास करे |

शाश्वत प्रेम सदैव रहे
अपनों पर विश्वास करे

जब तक बाती तेल रहे,
दीपक सदा प्रकाश करे |
(मौलिक व अप्रकाशित)
-लक्ष्मण रामानुज लडीवाला

Views: 678

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 7, 2014 at 1:50pm
मैने रचना समान मात्रा भार= 14 मात्राए, समान्त(काफिया)- "आस" और पदांत(रदीफ़)-"करे" को लेकर की है | डॉ गोपाल नारायण जी ने बता दिया कि यह गीतिका छंद नहीं है, तो इसे गीत के रूप में ही माने | गीतिका छंद का पुनः ओबीओ पर आद सौरभ जी द्वारा अंकित विधान पढ़कर परयास करूंगा, आद बागी जी
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 7, 2014 at 1:27pm
आपका हार्दिक आभार श्री जितेन्द्र पस्तारिया जी |
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 7, 2014 at 1:26pm
गीतिका छंद विधान की जानकारी कराने के लिए आपका हार्दिक आभार श्री डॉ गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on November 6, 2014 at 11:47am

आदरणीय लडीवाला जी, क्या यह "गीतिका छंद" ही है ?

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on November 6, 2014 at 8:22am

सार्थक संदेशप्रद रचना. बधाई स्वीकारें आदरणीय लक्ष्मण जी

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on November 5, 2014 at 4:32pm

लडीवाला जी

यह गीतिका छंद नहीं है i गीतिका में प्रति  पद  (14,12) मात्राए होती है और दो पदों पर तुकांतता होती है i गीतिका में पदांत (1 2 ) होना जरूरी है i  मात्रा  का क्रम 14+9+1+2 होता है और तीसरी,दसवी, सत्रहवी तथा चौबीसवी मात्रा लघु होनी आवश्यक है  i

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 5, 2014 at 11:46am

हार्दिक आभार श्री श्याम नारायण वर्मा जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 5, 2014 at 11:40am

रचना पसंद करने के लिए आपका हार्दिक आभार श्री (डॉ) विजय शंकर जी | सादर 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 4, 2014 at 12:15pm

रचना के भाव पसंद करने के लिए आपका हार्दिक आभार आद. श्री योगराज प्रभाकर जी | सादर 

Comment by Shyam Narain Verma on November 4, 2014 at 11:13am

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ... सादर बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
8 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
15 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
15 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
16 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
18 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
19 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
yesterday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
yesterday
LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service