For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पंख नहीं है उड़ान चाहता हूँ : नीरज नीर

पंख नहीं है उड़ान चाहता हूँ,
नापना गगन वितान चाहता हूँ ।

फुनगियों पर अँधेरा है
आसमान में पहरा है।
जवाब है जिसको देना
वो हाकिम ही बहरा है।
तमस मिटे नव विहान चाहता हूँ।

पंख नहीं है उड़ान चाहता हूँ ,
नापना गगन वितान चाहता हूँ।

अंबर कितना पंकील है,
धरा पर लेकिन सूखा है।
दल्लों के घर दूध मलाई,
मेहनत कश पर भूखा है।
पेट भरे ससम्मान चाहता हूँ।

पंख नहीं है उड़ान चाहता हूँ ,
नापना गगन वितान चाहता हूँ।

शिक्षा और रोटी के बदले,
धर्म ही लेकिन लेते छीन .
स्वयं ही को श्रेष्ठ बताते
बाकी सबको कहते हीन।
धर्म का ध्येय निर्वाण चाहता हूँ।

पंख नहीं है उड़ान चाहता हूँ ,
नापना गगन वितान चाहता हूँ।

घूमते धर्म की पट्टी बांध
संवेदना से कितने दूर
बात अमन की करते लेकिन
कृत्य करते वीभत्स क्रूर
सबको समझे इंसान चाहता हूँ।

पंख नहीं है उड़ान चाहता हूँ ,
नापना गगन वितान चाहता हूँ ।
….
नीरज नीर

मौलिक एवं अप्रकाशित 

Views: 634

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by MAHIMA SHREE on October 19, 2014 at 7:11pm

तमस मिटे नव विहान चाहता हूँ।

पंख नहीं है उड़ान चाहता हूँ ,
नापना गगन वितान चाहता हूँ.... वाह ..बहुत ही सुंदर गीत हार्दिक बधाई आपको 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on October 18, 2014 at 10:10pm

पंख नहीं है उड़ान चाहता हूँ,
नापना गगन वितान चाहता हूँ ।
बहुत सुंदर गीत रचना हुई है | वाह ! होंसले की उडान ! बहुत बहुत बधाई श्री नीरज कुमार जी 

Comment by Neeraj Neer on October 18, 2014 at 12:41pm

आदरणीय सोमेश जी आपको रचना अच्छी लगी आपका हार्दिक धन्यवाद। 

Comment by Neeraj Neer on October 18, 2014 at 12:40pm

आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी आभार आपका । 

Comment by Neeraj Neer on October 18, 2014 at 12:40pm

आ भाई जितेंद्र गीत जी आपको कविता अच्छी लगी आपका हार्दिक आभार ॥ 

Comment by Neeraj Neer on October 18, 2014 at 12:38pm

आदरणीय डॉ विजय शंकर आपके समर्थन एवं स्नेह के लिए बहुत बहुत आभार । 

Comment by Neeraj Neer on October 18, 2014 at 12:38pm

धन्यवाद भाई आनंद मूर्ति । 

Comment by Neeraj Neer on October 18, 2014 at 12:37pm

आदरणीय डॉ गोपाल नारायण श्रीवास्तव साहब आपके स्नेह के लिए आपका हार्दिक आभार। 

Comment by somesh kumar on October 17, 2014 at 8:21pm

मुझे पंख दे तो उड़ने का हौसला भी दे /सजावट के लिए तो खिलौने और भी हैं बाज़ार में 

अच्छी रचना के लिए बधाई |

Comment by Shyam Narain Verma on October 17, 2014 at 10:24am

" अच्छी प्रस्तुति आदरणीय ,बधाई ................. "

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
11 hours ago
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
20 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
20 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
yesterday
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service