For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

चार माह की

तपती धरा पर

जैसे ही बारिश की बूँदे बरसी

बो दिये , नन्हे-नन्हे अंकुरों को

कई कतारों में

सभी ने मिलकर

नन्हें -नन्हे  से हाथो को

ऊँचा उठाकर

दूर कर दी , मिट्टी की चादर  

धीरे से झाँक ने लगे

इस सुंदर सी दुनिया को

दो से चार और फिर छै:

धीरे-धीरे पत्तियां बढ़ने लगी

ढांकने लगी

अपनी ही छाँव से,

नाजुक जड़ों को

धूप में भी बनाये रखी

अपने-अपने हिस्से की नमी

अपनी  एकता की दीवार से

तेज बारिश के, बहते हुए पानी में

रोके रहे एक-दूसरे  को

बचाये  रखा, अपने अस्तित्व को

छोटे-बड़े संघर्षो से गुजरकर

आ गये भर जवानी पर

संयम बनाए रखा

सभी ने मिलकर ढांके रखा

अपने फूलों को, फिर फल को

धीरे से सावन-भादों बिताया

अब  अश्विन की तेज धूप में

सभी ने मिलकर

पीली  सी चादर ओढ़ ली

खुश है बहुत, अपना सब कुछ

न्यौछावर करने को

मिटा देंगे, अपने पूरे उसी अस्तित्व को

जिसे अपने ही दम पर

बचाये  रखा  

देना चाहते हैं, कुछ मुझे

कुछ तुम्हें

और कुछ कहते है

रखलो, हमें संजो कर

हम फिर...!

संघर्ष करेंगे.

      जितेन्द्र 'गीत'

(मौलिक व् अप्रकाशित)

Views: 646

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on October 13, 2014 at 11:55pm

रचना पर आपकी उपस्थति पाकर बहुत मनोबल मिला, आपका आभार आदरणीया मीना दीदी. 

सादर!

Comment by Meena Pathak on October 13, 2014 at 3:00pm

अति सुन्दर ....बेहद उम्दा ....हार्दिक बधाई 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on October 2, 2014 at 11:02pm

आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया हेतु आपका ह्रदय से आभारी हूँ आदरणीय गिरिराज जी. स्नेह बनाए रखियेगा

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on October 2, 2014 at 11:01pm

आपका ह्रदय से आभार आदरणीय सुलभ जी. स्नेह बनाये रखियेगा

सादर!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 2, 2014 at 9:40pm

आदरणीय जितेन्द्र भाई , सुन्दर रचना हुई है , आपको दिली बधाइयाँ |

Comment by Sulabh Agnihotri on October 2, 2014 at 9:16pm

बहुत सुन्दर !

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on October 1, 2014 at 10:12am

रचना पर आपके स्नेहिल आशीर्वाद से रचना धन्य हुई आदरणीय डा. विजय जी. आपका ह्रदय से आभारी हूँ, स्नेह बनाये रखियेगा

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on October 1, 2014 at 10:10am

रचना पर आपकी उपस्थिति से बहुत संबल मिला. आपका हार्दिक आभार आदरणीया महिमा जी

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on October 1, 2014 at 10:09am

आपकी बधाई सहर्ष स्वीकार है आदरणीय हरी शर्मा जी. आशाओं को मन में लेकर धरा के गर्भ में बोया गया अंकुर जब स्वयं ही संघर्ष कर बहुत सी खुशियाँ देता है बड़ा अच्छा लगता है मनको. रचना पर आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से आभारी हूँ .अपना स्नेह बनाये रखियेगा.

सादर! 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on October 1, 2014 at 10:04am

रचना पर आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया हेतु आपका ह्रदय से आभारी हूँ , पवन भाई

सादर!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"ऐसे😁😁"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"अरे, ये तो कमाल  हो गया.. "
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय नीलेश भाई, पहले तो ये बताइए, ओबीओ पर टिप्पणी करने में आपने इमोजी कैसे इंफ्यूज की ? हम कई बार…"
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आपके फैन इंतज़ार में बूढे हो गए हुज़ूर  😜"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय लक्ष्मण भाई बहुत  आभार आपका "
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है । आये सुझावों से इसमें और निखार आ गया है। हार्दिक…"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन और अच्छे सुझाव के लिए आभार। पाँचवें…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय सौरभ भाई  उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार , जी आदरणीय सुझावा मुझे स्वीकार है , कुछ…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल पर आपकी उपस्थति और उत्साहवर्धक  प्रतिक्रया  के लिए आपका हार्दिक…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति का रदीफ जिस उच्च मस्तिष्क की सोच की परिणति है. यह वेदान्त की…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, यह तो स्पष्ट है, आप दोहों को लेकर सहज हो चले हैं. अलबत्ता, आपको अब दोहों की…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज सर, ओबीओ परिवार हमेशा से सीखने सिखाने की परम्परा को लेकर चला है। मर्यादित आचरण इस…"
8 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service