For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

यह जीवन महावटवृक्ष है

यह जीवन महावटवृक्ष है।

सोलह संस्‍कारों से संतृप्‍त

सोलह शृंगारों से अभिभूत है

देवता भी जिसके लिए लालायित

धरा पर यह वह कल्‍पवृक्ष है।

यह जीवन महावटवृक्ष है।।

सुख-दु:ख के हरित पीत पत्र

आशा का संदेश लिए पुष्‍प पत्र

माया-मोह का जटाजूट यत्र-तत्र

लोक-लाज, मर्यादा,

कुटुम्‍ब, कर्तव्‍य, कर्म,

आतिथ्‍य, जीवन-मरण

अपने-पराये, सान्निध्‍य, संत समागम,

भूत-भविष्‍य में लिपटी आकांक्षा,

जिस में छिपा जीवन का मर्म,

उस गृहस्‍थाश्रम का यह वंशवृक्ष है।

यह जीवन महावटवृक्ष है।।

 

एक ब्रह्म, दो पक्ष निबंध,

त्रिदेवों का अप्रतिम प्रबन्‍ध,

चतुरानन की जीवन भक्ति,

पंचमहाभूतों से निर्मित मानवशक्ति,

षड् रिपु से संलिप्‍त देह आसक्ति,

सप्‍तऋषियों से प्रकाशित भूमंडल चराचर,

अष्‍टांगयोग का प्रभविष्‍णु कवचधर,

नवग्रहों के आशीष का यह दशकुल वृक्ष है।

यह जीवन महावटवृक्ष है।।

पुराण,उपनिषद, वेद, ब्राह्मण, दर्शन,

ब्रह्माण्‍ड का अनसूय प्रतीक,

धरा का एक अनोखा अवतार,

सहस्‍त्र रश्मियों से निखर

प्रकृति की गोद में पल्‍लवित,

ऋतुओं के समागम और

रत्‍ननिधि का अमूल्‍य रत्‍नजित,

कोटि-कोटि आशीष से परिपूर्ण,

देव भी अवतारित हुए लिए शरीर

कर्म से हुआ जर्जर भले ही,

संस्‍कारों से बना प्रवीण

सहस्‍त्र बाहुओं में निबद्ध महाशक्तिशाली,

यह कमल कुल वल्‍लभ का लक्ष्‍य है

अंत:सलिला के अजस्र प्रवाह से ,

झूमता फलता-फूलता तटवृक्ष है।

यह जीवन महावटवृक्ष है।। 

*मौलिक‍ एवं अप्रकाशित*

Views: 459

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' on September 3, 2014 at 8:53am

आभार श्रीयुत भंडारीजी एवं जितेंद्रजी ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 1, 2014 at 3:52pm
आदरनीय गोपाल भाई , सच में आपने हिन्दू जीवन के महा वटवृक्ष को पूर्णता से परिभाषित कर दिया है , कम शब्दों में जादा बात | दिली बधाइयाँ |
Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 27, 2014 at 10:34am

बहुत सुंदर कल्पना जीवन की, एक महावटवृक्ष से. जिसकी जड़े बहुत फैली हुई गहरी रहती है, जो कहीं किसी भी स्थिति से सामना करने को तैयार होती है. बड़ी-बड़ी शाखाएं जो अपनी शीतल छाँव बनाये रखे. ऐसे ही जीवन को या  काल्पनिक वृक्ष की आज के समय में बहुत कमी सी दिखती है. बदरहाल आपको प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई आदरणीय डा.गोपाल कृष्ण जी

Comment by Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' on August 27, 2014 at 8:22am

आभार राजेश कुमारीजी एवं नरेंद्र सिंह जी। 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on August 26, 2014 at 9:08pm

आपकी प्रस्तुति ने  सम्पूर्ण जीवन का मूल्यांकन किया है बहुत शानदार प्रस्तुति ,हार्दिक बधाई आपको आ० डॉ.गोपाल कृष्ण जी. 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"शेर क्रमांक 2 में 'जो बह्र ए ग़म में छोड़ गया' और 'याद आ गया' को स्वतंत्र…"
yesterday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"मुशायरा समाप्त होने को है। मुशायरे में भाग लेने वाले सभी सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार। आपकी…"
yesterday
Tilak Raj Kapoor updated their profile
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई जयहिन्द जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है और गुणीजनो के सुझाव से यह निखर गयी है। हार्दिक…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई विकास जी बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है।गुणीजनो के सुझाव से यह और निखर गयी है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। मार्गदर्शन के लिए आभार।"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। समाँ वास्तव में काफिया में उचित नही…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, हार्दिक धन्यवाद।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई तिलक राज जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, स्नेह और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए…"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय तिलकराज कपूर जी, पोस्ट पर आने और सुझाव के लिए बहुत बहुत आभर।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service