For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

प्रिया
कहती हो
कहाँ रही
नवेली.
अब कहाँ कजरा
चमेली का गजरा
छूई-मुई
लाजवन्ती.
सुबह का नास्ता
बच्चों का स्कूल
प्रीत गए भूल.
बनाकर टिफिन
घर से ऑफिस
ऑफिस से घर
भागदौड़.
तुम नहीं जानती
कितना सुखद लगता है
आज भी तुम्हारा रूप
किचन में
आँचल से पसीने पोंछती
तुम -अद्भुत सजती हो .
जब अपने को
सहज ही सहेजकर
ऑफिस के लिए
निकलती हो
खुदा कसम
नवेली ही लगती हो.

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 549

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr.Vijay Prakash Sharma on July 22, 2014 at 7:38pm

आ० सौरभ जी,
सराहना के लिए बहुत आभार.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 22, 2014 at 2:49pm

आम जीवन के सुख-दुख अपने होते हैं, आम होते हैं..

कोमल भावाभिव्यक्ति के लिए हार्दिक धन्यवाद आदरणीय

Comment by Dr.Vijay Prakash Sharma on July 20, 2014 at 9:54pm

आ० गोपल नारायण जी ,
आपकी सराहना रूपी "टोटके" के बाद नज़र लगने की संभावना ही समाप्त हो गई.बहुत-बहुत आभार सह नमन.

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on July 20, 2014 at 9:18pm

आपकी नजर को नजर न लगे सर i  क्या बात है ?

Comment by Dr.Vijay Prakash Sharma on July 20, 2014 at 6:36pm

आदरणीया मीना जी,
रचना आपको भा गई,आपकी सराहना भी पा गई.
बहुत -बहुत आभार.मैं कृतज्ञ हुआ.

Comment by Meena Pathak on July 20, 2014 at 6:18pm

क्या बात है ..अति सुन्दर ...बधाई आदरणीय विजय जी 

Comment by Dr.Vijay Prakash Sharma on July 20, 2014 at 11:10am

आ० संतलाल करुण जी,
आपकी सराहना पाकर मैं धन्य हुआ.बहुत बहुत आभार सह अभिनन्दन.

Comment by Santlal Karun on July 20, 2014 at 7:19am

आदरणीय विजय प्रकाश शर्मा जी,

संवेदना तथा अनुभूति से उपजे अत्यंत अर्थवान, प्रभावपूर्ण और पठनीय रचना के लिए हार्दिक साधुवाद एवं सद्भावनाएँ !  

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"क्या ही शानदार ग़ज़ल कही है आदरणीय शुक्ला जी... लाभ एवं हानि का था लक्ष्य उन के प्रेम मेंअस्तु…"
49 minutes ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"उचित है आदरणीय अजय जी ,अतिरंजित तो लग रहा है हालाँकि असंभव सा नहीं है....मेरा तात्पर्य कि…"
56 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि भाईजी, इस प्रस्तुति के मोहपाश में तो हम एक अरसे बँधे थे. हमने अपनी एक यात्रा के दौरान…"
5 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,//आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति पर आने में मुझे विलम्ब हुआ है. कारण कि, मेरा निवास ही बदल रहा…"
5 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
5 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. अजय गुप्ता जी "
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
16 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
16 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
17 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। पंचकल त्रिकल के प्रयोग…"
18 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service