For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मनोरम छंद

(संक्षिप्त विधान : मनोरम छंद चार पक्तियों या पदों का वर्णिक छंद है. जिसके प्रत्येक पद में चार सगण और अंत में दो लघु वर्ण / अक्षर का विधान  हैं।)

लगती छबि मीत !

लगती छबि मीत मुझे मन भावन।

मन चंद चकोर समान लुभावन।।

मन प्रीत रिसे सुख पाय सुहावन।

अँखियाँ बरसे झिमके जिमि सावन।१।

 

चुपके पहले पिय नैन लड़ावत।

फिर नैन लडे हिय गेह बसावत।।

बस जात हिया फिर नींद चुरावत।

 सुख चैन चुरा दिन रैन जगावत।२।

 

मन बालगुडी नभ माहिं उडावत।

कबहूँ मन की पिय नाँव चलावत।।

रस की बतियाँ मन में छलकावत।

 फिर क्यूँ छलिया मन मोर पुकारत।३।

 

सत्यनारायण सिंह

मौलिक और अप्रकाशित

 

 

Views: 613

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Satyanarayan Singh on May 2, 2014 at 1:17pm
आ. डॉ. प्राची जी सादर आभार

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on May 2, 2014 at 9:34am

चुपके पहले पिय नैन लड़ावत।

फिर नैन लडे हिय गेह बसावत।।

बस जात हिया फिर नींद चुरावत।

 सुख चैन चुरा दिन रैन जगावत।२।...............अहा! अहा! बहुत सुन्दर 

मनोरम छंद पर सुन्दर प्रयास ..सुन्दर प्रस्तुति 

हार्दिक बधाई आ० सत्यनारायण सिंह जी 

Comment by Satyanarayan Singh on April 30, 2014 at 8:52pm

आ. बृजेश जी सादर  प्रोत्साहन एवं बधाई हेतु आपका ह्रदय से आभार आदरणीय.

Comment by Satyanarayan Singh on April 30, 2014 at 8:51pm

आ. जीतेन्द्र जी रचना आपको सुन्दर एवं भावपूर्ण लगी जानकर मन उत्साहित है अतएव  आपका सादर आभार आदरणीय.

Comment by Satyanarayan Singh on April 30, 2014 at 8:49pm

रचना को खूबसूरत बताकर आपने जो मान दिया है अतएव आपका सादर आभार आदरणीय

Comment by Satyanarayan Singh on April 30, 2014 at 8:48pm

आ. कुन्ती जी बधाई एवं उत्साहवर्धन हेतु आपका सादर आभार आदरणीया

Comment by Satyanarayan Singh on April 30, 2014 at 8:46pm

आ.सुशिल सरना जी प्रोत्साहन एवं बधाई हेतु आपका ह्रदय से आभारी हूँ. आदरणीय.

Comment by बृजेश नीरज on April 30, 2014 at 8:18pm

सुन्दर छंद! आपको हार्दिक बधाई!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 29, 2014 at 12:09am

अति सुंदर भाव, बधाई आदरणीय सत्यनारायण जी

Comment by Shyam Narain Verma on April 26, 2014 at 10:20am
इस खूबसूरत रचना के लिये दिली दाद कुबूल करें................

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीया ऋचा जी, बहुत धन्यवाद। "
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी, बहुत धन्यवाद। "
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी, आप का बहुत धन्यवाद।  "दोज़ख़" वाली टिप्पणी से सहमत हूँ। यूँ सुधार…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"//दोज़ख़ पुल्लिंग शब्द है//... जी नहीं, 'दोज़ख़' (मुअन्नस) स्त्रीलिंग है।  //जिन्न…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी, बहतर है।"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया। आशा है कि…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी की  टिप्पणी क़ाबिले ग़ौर…"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी नमस्कार बेहतरीन ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये हेर शेर क़ाबिले तारीफ़ हुआ है, फिर भी…"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय जी नमस्कार बहुत ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गिरह ख़ूब, अमित जी की टिप्पणी…"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
3 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service