For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कुछ चुनावी दोहे-लक्ष्मण लडीवाला

पहन मुखौटा घूमते, आया पास चुनाव,

खेती बो विश्वास की, तापे खूब अलाव । 

 

छलियाँ बनकर लूटने, करे प्रेम की बात,

सबकी बाते मानते,  दिन हो चाहे रात ।

 

मीठा मंतर मारते, मन में रखते खोट,

बंजर को उर्वर कहे, लेने इनको वोट । 

 

पाखण्डी कुछ आ गए, देख हमारे गाँव,

आकर लूटे  कारवाँ,  बोझिल से है पाँव ।

 

देख हवा के रूख को, झट पलटी खा जाय, 

अपने दल को छोड़कर, दूजे दल में जाय |

 

होड़ लगी है मंच पर, फिसला करे जुबान,

हर दल करते घोषणा,हमको लगे समान |

 

छल-प्रपंच से पा रहे, जनता का विश्वास,

जागरूक जनता हुई, आया होश हवास ।

 

पुण्य मिलेगा आपको, करिये तो मतदान, 

देश भक्त इंसान को, पहले ले पहचान |

 

बिन लालच के आपको,करनी है पहचान  

मत की कीमत जानले, तब करना मतदान |

 

सोच समझ कर वोट दे, बिना हुए भयभीत, 

प्रत्यासी को जानले, कैसा रहा अतीत !!

 

(मौलिक व अप्रकाशित)

 

-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला

Views: 2442

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 11, 2014 at 7:34pm

सदा की तरह प्रोत्साहित करती आपकी सुन्दर प्रतिक्रिया से संतुष्टि प्रदान करने के लिए आपका हार्दिक आभार आद.राजेश कुमारी जी 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 11, 2014 at 11:43am

बहुत बढ़िया सम सामयिक जाग्रत करते दोहे ,बहुत- बहुत बधाई आ० लक्ष्मण जी आपको| आपका छंदों पर सतत प्रयास रंग ला रहा है जय माँ शारदे  

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 11, 2014 at 10:25am

हार्दिक आभार आदरणीया अन्नपूर्णा बाजपेयी जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 11, 2014 at 10:24am

चुनावी दोहे पसंद करने के लिए आपका आभार श्री विशाल चर्चित जी 

Comment by annapurna bajpai on April 10, 2014 at 10:26pm

वाह !! आ0 लड़ी वाला जी क्या खूब दोहे रचे है , बहुत सुंदर , बधाई आपको । 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 10, 2014 at 10:05am

उम्मीदवारों के चरित्र को द्रष्टिगत रख अपने वोट का सही रूप से और अवश्य उपयोग करना हमारा अधिकार भी और 

कर्तव्य भी है | इस विचार से रचित दोहों को पसंद करने के लिए आपका हार्दिक आभार श्री विजय मिश्र जी और श्री 

गिरिराज भंडारी जी 

Comment by VISHAAL CHARCHCHIT on April 9, 2014 at 11:27pm

वाह - वाह........ सभी दोहे सुन्दर और सराहनीय चुनावी रंगों में रँगे !!!!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on April 9, 2014 at 6:53pm

आदरणीय , लक्ष्मण भाई , बहुत सुन्दर सटीक चुनावी दोहावली की रचना की है , आपको हार्दिक बधाई ॥

Comment by विजय मिश्र on April 9, 2014 at 5:31pm
आजकी आवोहवा और चुनावी मौसम पर नेता चरित्र को सुंदर उजागर किया |पृष्ठभूमि में सुंदर सोंच के लिए हार्दिक आभार लक्ष्मणजी |
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 9, 2014 at 11:38am

दोहे पसंद करने के लिए आभार, श्री जितेन्द्र "गीत" जी और श्री अखेलेश भाई  | आशा है सभी पाठक अपने वोट का सही उपयोग कर अपना कर्तव्य निभायेंगे |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"ओबीओ का मेल चेक करें "
1 hour ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय सौरभ सर सादर नमन....दोष तो दोष है उसे स्वीकारने और सुधारने में कोई संकोच नहीं है।  माफ़ी…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"भाई बृजेश जी, आपको ओबीओ के मेल के जरिये इस व्याकरण सम्बन्धी दोष के प्रति अगाह किया था. लेकिन ऐसा…"
2 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय धामी जी स्नेहिल सलाह के लिए आपका अभिनन्दन और आभार....आपकी सलाह को ध्यान में रखते हुए…"
3 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय गिरिराज जी उत्साहवर्धन के लिए आपका बहुत-बहुत आभार और नमन करता हूँ...आपसे आदरणीय नीलेश…"
3 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय नीलेश जी सर्व प्रथम रचना पटल पे उपस्थिति के लिए आपका हार्दिक आभार....वैसे ये…"
3 hours ago
Admin posted discussions
14 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ सड़सठवाँ आयोजन है।.…See More
15 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम -. . . . . शाश्वत सत्य
" आदरणीय सुशील सरना जी सादर, जीवन के सत्य पर सुन्दर दोहावली रची है आपने. हार्दिक बधाई…"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थित और मार्गदर्शन के लिए आभार। कुछ सुधार किया है…"
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई बृजेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद।"
21 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service