For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मेरी खुशी के संग खुल के खिलखिला जाना तेरा
ज़िंदगी मेरी नक्काशी तेरी और नज़राना तेरा
हो गई जो गलतियाँ या की कभी बदमाशियाँ
धीरे से चपत संग प्यार से समझाना तेरा
अब तू ही बता कैसे जियूं तेरे बगैर तेरे बगैर

चाँदनी के रंग सी याद है फितरत तेरी
देखते ही मुस्कुराना शायद थी आदत तेरी
शख्शियत सीने में रख कर याद फरमाता हूँ तुझे
प्लेट टूटी मुझसे थी पर भरना हरजाना तेरा
अब तू ही बता कैसे जियूं तेरे बगैर तेरे बगैर

हाजिरी तेरी सलामत अब भी है दराज़ में
कौन कहता है मुहब्बत फबती बस किताब में
तितलियों के पंख सी साँसे मेरी हसरत की थीं
पर आज भी है याद मुझको आँख चमकाना तेरा
अब तू ही बता कैसे जियूं तेरे बगैर तेरे बगैर

काबिलियत की गोलियां जो दी थीं तूने कूट के
बरसों से रोता ही रहा हूँ याद में मैं फूट के
घर कर गए हैं प्यार के तेरे सिखाए मायने
जख्मों को भी याद है मरहम लगा जाना तेरा
अब तू ही बता कैसे जियूं तेरे बगैर तेरे बगैर


मौलिक व अप्रकाशित
राणा रुद्र प्रताप सिंह 'युवा हिंद'

Views: 363

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by राणा रुद्र प्रताप सिंह on March 18, 2014 at 1:19am
धन्यवाद श्रीमान @ जितेंद्र 'गीत' साहब
Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 17, 2014 at 11:33pm

बेहद सुंदर भावपूर्ण रचना, बधाई आपको आदरणीय राणा साहब

Comment by राणा रुद्र प्रताप सिंह on March 16, 2014 at 2:23am

शुक्रगुजार हैं आपके राजेश कुमारी जी

Comment by राणा रुद्र प्रताप सिंह on March 16, 2014 at 2:22am

आदरणीय भंडारी साहब !!

शाबाशी ही तो खुराक है हमारी...उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 14, 2014 at 10:04pm

आदरणीय राणा भाई , सुन्दर भाव पूर्ण रचना के लिये बहुत बधाइयाँ ॥


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 14, 2014 at 10:01pm

बहुत सुन्दर ,बहुत खूब ...दिल छू गई आपकी रचना बहुत- बहुत बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सौरभ सर, मैं इस क़ाबिल तो नहीं... ये आपकी ज़र्रा नवाज़ी है। सादर। "
6 hours ago
Sushil Sarna commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय जी  इस दिलकश ग़ज़ल के लिए दिल से मुबारकबाद सर"
6 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया और सुझाव  का दिल से आभार । प्रयास रहेगा पालना…"
6 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को मान और सुझाव देने का दिल से आभार । भविष्य के लिए  अवगत…"
6 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"आदरणीय  अशोक रक्ताले जी सृजन को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार । बहुत सुन्दर सुझाव…"
6 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आ. शिज्जू भाई,एक लम्बे अंतराल के बाद आपकी ग़ज़ल पढ़ रहा हूँ..बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है.मैं देखता हूँ तुझे…"
9 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . लक्ष्य

दोहा सप्तक. . . . . लक्ष्यकैसे क्यों को  छोड़  कर, करते रहो  प्रयास । लक्ष्य  भेद  का मंत्र है, मन …See More
11 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज जी, ओबीओ के प्रधान संपादक हैं और हम सब के सम्माननीय और आदरणीय हैं। उन्होंने जो भी…"
12 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय अमीरुद्दीन साहब, आपने जो सुझाव बताए हैं वे वस्तुतः गजल को लेकर आपकी समृद्ध समझ और आपके…"
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सुशील भाई , दोहों के लिए आपको हार्दिक बधाई , आदरणीय सौरभ भाई जी की सलाहों कर ध्यान…"
12 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । "
13 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
13 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service