For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पाँच दोहे -- ( अन्नपूर्णा बाजपेई )

दोहे

1)  नारी है सुता ,दारा  धारे  रूप अनेक ।

     बंधन बांधे नेह का  धीरज धर्म विवेक ॥

2)  ये नारी है सृजक नहि अबला कमजोर ।

     रोम रोम ममता भरी सह पीड़ा घनघोर ॥

3)  महल दुमहले बन रहे वसुधा हरी न शेष ।

    जीव जन्तु भटके सभी  ऐसे महल विशेष ॥

4)  माया माया कर रहा बढ़े चौगुना मोह ।

    पानी पत्थर पूजि के रहा मुक्ति को टोह॥

5)  सन्मार्ग दो प्रभु दिखा,  दो ऐसा वरदान । 

    सब मिल शुचिता से रहे होवे जग कल्यान ॥ 

संशोधित  

अप्रकाशित एवं मौलिक 

Views: 783

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on February 18, 2014 at 8:16pm

@@@महल दुमहले बन रहे वसुधा हरी न शेष । (शायद आप वसुधा रही न शेष कहना चाह रही हैं)
 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on February 18, 2014 at 8:14pm

नारी सुता दारा है धारे रूप अनेक ।.……… (विषम चरण के अंत में लघु,लघु,लघु अथवा लघु,दीर्घ होना चाहिए।)

बंधन बांधे नेह का निभाये धर्म प्रत्येक ॥.… (दूसरे सम चरण में ग्यारह की बजाय तेरह मात्राएँ हो रही हैं)

नारी सृजक है नहीं ये अबला कमजोर । (प्रथम तथा तृतीय विषम चरणों में बारह मात्राएँ हैं )

वात्सल्य रस से भरी सह पीड़ा घनघोर ॥

महल दुमहले बन रहे वसुधा हरी न शेष । (शायद आप वसुधा रही न शेष रही हैं)

जीव जन्तु सभी भटके कैसे महल विशेष ॥ (जीव जंतु भटके सभी - कहने से प्रवाह अच्छा आयेगा)

माया माया कर रहा बढ़े चौगुना मोह ।
पत्थर पानी पूजि के घटे नहीं यह रोग ॥ (सुन्दर दोहा है, पूजि को पूज भी किया जा सकता है)

सन्मार्ग दिखा हे प्रभू दो ऐसा वरदान । (प्रवाह बाधित लग रहा है (प्रभु सन्मार्ग दिखाइये, दें ऐसा वरदान ) किया जा सकता है?

सब मिल शुचिता से रहे होवे देश कल्याण ॥ [सब मिल शुचिता से रहें, होवे देश महान (वरदान तथा कल्याण का तुकांत उचित नहीं माना जाता , मात्राएँ भी बारह हो रही हैं)]


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on February 18, 2014 at 6:17pm

आदरणीया अन्नपूर्णा जी , दोहों के माध्यम से बहुत सुन्दर बातें कही है आपने , हार्दिक बधाइयाँ ॥ मात्रिकता के हिसाब से एक बार फिर से मात्रा गिन के देखना चाहिये ऐसा लगता है , खास तौर पर  दोहा न. 1 , 2 और 5  की मात्रा एक बार और गिन लीजिये ॥

Comment by Shyam Narain Verma on February 18, 2014 at 5:24pm
बहुत सुन्दर दोहे बधाई .. 
Comment by kalpna mishra bajpai on February 18, 2014 at 4:30pm

Di, bahut sundar dohe. Congratulations

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service