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बहुत गुमसुम सी लगती है ( ग़ज़ल ) गिरिराज भन्डारी

1222  1222  1222   1222

बहुत गुमसुम सी लगती है

 

ज़बाँ खामोश रहती है, निगाहें कुछ नही कहतीं

अगर जज़्बा न हो दिल में, तो बाहें कुछ नही कहतीं

यहाँ के हादसों का सच, तुम्हें खुद जानना होगा

तुम्हें मालूम तो होगा, कि राहें कुछ नहीं कहतीं

बहुत नोची गयी है ये, बहुत तोड़ी गयी है पर

वो अब तक जी रही है क्यों, ये चाहें कुछ नहीं कहतीं

ये ख़ंज़र पीठ में है क्यों, रफ़ाक़त ये कहाँ की है

बहुत गुमसुम सी लगती है, कराहें कुछ नही कहतीं

ख़ुदा का नूर है सब में, करमफ़र्मा वही है पर

करम चुप चाप बहता है, पनाहें कुछ नहीं कहतीं

उधर कुछ भी असर होता दिखाई क्यों नहीं देता

इधर कितनी रसाई है, ये आहें कुछ नहीं कहतीं 

 

**********************

मौलिक एवँ अप्रकाशित 

Views: 887

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सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 17, 2014 at 5:28pm

आदरणीय अतुल भाई , गज़ल की सराहना के लिये आपका तहे दिल से शुक्रिया ॥


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 17, 2014 at 5:27pm

आदरणीय बड़े भाई अखिलेश जी , गज़ल की सराहना के लिये आपका बहुत शुक्रिया ॥


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 17, 2014 at 5:26pm

आदरणीय बड़े भाई विजय जी , गज़ल की सराहना के लिये आपका हृदय से आभारी हूँ ॥

Comment by atul kushwah on January 17, 2014 at 5:19pm

बहुत खूबसूरत गजल के लिए बधाई। सादर— अतुल

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on January 17, 2014 at 3:50pm

छोटे भाई गिरिराज , बधाई इस खूबसूरत गज़ल के लिए ।

Comment by vijay nikore on January 17, 2014 at 1:42pm

इस खूबूसूरत गज़ल के लिए हार्दिक बधाई, भाई गिरिराज जी।

 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 17, 2014 at 8:07am

आदरणीय लक्ष्मण भाई , गज़ल की सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार ॥


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 17, 2014 at 8:05am

आदरणीया वन्दना जी , आपको ग़ज़ल पसन्द आय्री , गज़ल कहाना सार्थक हुआ , सराहना केलिये आपका हार्दिक आभार ॥


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 17, 2014 at 8:03am

आदरणीय जीतेन्द्र भाई , गज़ल के अनुमोदन और सराहना के लिये आपका आभारी हूँ ॥


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 17, 2014 at 8:02am

आदरणीय अजय भाई , आपके स्नेह सिक्त सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार ॥

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