For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मौत के साथ आशिकी होगी (अरुन 'अनन्त')

बहरे खफ़ीफ मुसद्दस मख़बून
2122 1212 22

मौत के साथ आशिकी होगी,
अब मुकम्मल ये जिंदगी होगी,

उम्र का ये पड़ाव अंतिम है,
सांस कोई भी आखिरी होगी,

आज छोड़ेगा दर्द भी दामन,
आज हासिल मुझे ख़ुशी होगी,

नीर नैनों में मत खुदा देना,
सब्र होगा अगर हँसी होगी,

आखिरी वक्त है अमावस का,
कल से हर रात चाँदनी होगी.

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 695

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 26, 2013 at 10:42am

बहुत बहुत शुक्रिया भाई लक्ष्मण धामी जी

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 26, 2013 at 10:41am

तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय शिज्जु भाई जी ग़ज़ल आपको पसंद आई मेरे लिए संतोष की बात है स्नेह यूँ ही बनाये रखिये

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 26, 2013 at 10:41am

हार्दिक आभार आदरणीया महिमा श्री जी

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 26, 2013 at 10:40am

हार्दिक आभार आदरणीया कुंती मुखर्जी जी

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 26, 2013 at 10:40am

बहुत बहुत शुक्रिया अनुराग भाई जी

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 26, 2013 at 10:40am

हार्दिक आभार आदरणीय गिरिराज सर ग़ज़ल आपको पसंद आई सार्थक हुई स्नेह यूँ ही बनाये रखिये

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on December 26, 2013 at 9:31am

आदरणीय अरुण जी, बेहतरीन गजल यह शेर खास पसंद हुए, दिली दाद कुबूल कीजिये

उम्र का ये पड़ाव अंतिम है,
सांस कोई भी आखिरी होगी,

आज छोड़ेगा दर्द भी दामन,
आज हासिल मुझे ख़ुशी होगी,

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 26, 2013 at 6:33am

आदरणीय अरुण भाई ,

पूरी गज़ल लाजवाब है, ढेरों बधाइयाँ


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on December 25, 2013 at 10:22pm

भाई अरूणजी बेहतरीन ग़ज़ल है बधाई स्वीकार करें
//उम्र का ये पड़ाव अंतिम है,
सांस कोई भी आखिरी होगी,//

बस यहाँ मैं कहना चाहूँगा

"हर नफ़स पहली है वही आखिर
 जिन्दगी है तो जिन्दगी होगी"

Comment by MAHIMA SHREE on December 25, 2013 at 9:55pm

नीर नैनों में मत खुदा देना,
सब्र होगा अगर हँसी होगी,... बहुत खूब... आदरणीय अनंत जी हार्दिक बधाई आपको ..

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"प्रस्तुति के अनुमोदन और उत्साहवर्द्धन के लिए आपका आभार, आदरणीय गिरिराज भाईजी. "
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
17 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल आपको अच्छी लगी यह मेरे लिए हर्ष का विषय है। स्नेह के लिए…"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति,उत्साहवर्धन और स्नेह के लिए आभार। आपका मार्गदर्शन…"
18 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ भाई , ' गाली ' जैसी कठिन रदीफ़ को आपने जिस खूबसूरती से निभाया है , काबिले…"
18 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील भाई , अच्छे दोहों की रचना की है आपने , हार्दिक बधाई स्वीकार करें "
18 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है , दिल से बधाई स्वीकार करें "
18 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , खूब सूरत मतल्ले के साथ , अच्छी ग़ज़ल कही है , हार्दिक  बधाई स्वीकार…"
18 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल  के शेर पर आपकी विस्तृत प्रतिक्रिया देख मन को सुकून मिला , आपको मेरे कुछ…"
18 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service