For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लघुकथा : कीमत (गणेश जी बागी)

शास्त्री जी बहुत खुश हैं, नए घर का आज गृह प्रवेश समारोह है ।  विदेश से कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट की पढ़ाई पूर्ण कर इकलौता बेटा भी कल घर पहुँच गया था ।
"पापा, गेस्ट आ गये हैं आप कहें तो डिनर स्टार्ट करवा दूँ"
"नहीं बेटा, कुछ विशिष्ट अतिथियों का मैं इन्तजार कर रहा हूँ पहले वो आ जाएँ फिर भोजन प्रारम्भ कराते हैं" शास्त्री जी ने बेटे को समझाया ।
"विशिष्ट अतिथि कौन पापा ?"
"इस घर को अपने श्रम और पसीने से बनाने वाले मिस्त्री और मजदूर"
"उफ्फ ! आप भी न पापा, उनको उनकी कीमत दे दी, बात ख़त्म"
"बेटा, पसीने की कीमत देने की औकात मुझ में क्या किसी में नहीं है, शायद यह बात मैनेजमेंट में नहीं पढ़ाई जाती ।

(मौलिक व अप्रकाशित)

पिछला पोस्ट =>अतुकांत कविता - नि:शब्द

Views: 1147

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on February 12, 2015 at 2:01am

पसीने की कीमत की चुकाने के औकात ......मेनेजमेंट नहीं सीखता .......सफल


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 19, 2013 at 11:18am

भाई गणेशजी, बधाई.
लघुकथा कीमत ऐसे सवाल और संवाद उभार कर चुप होती है जिसकी अनुगूँज आधुनिक मानवीय समाज में सदियों से यथावत बनी हुई है.

शासक का शोषक रूप और शासित का शोषित रूप अपने कुल संदर्भ में मानों उन्नीसवीं सदी के सबसे क्लिष्ट पहलू बन कर उभरे हैं. बरतानिया के इण्डस्ट्रियल रिवोल्यूशन का बाइ-प्रोडक्ट यह संदर्भ भारत ही नहीं तृतीय विश्व के समस्त देशों के लिए सर्वाधिक चिंतनीय विन्दु है.


मुझे सरदार पूर्ण सिंह का अत्यंत मशहूर लेख मज़दूरी और प्रेम याद आ रहा है जिसका मूल ही था कि चंद सिक्कों से किसी मनुष्य की मज़दूरी नहीं खरीदी जा सकती.
आपकी इस लघुकथा का प्रस्तुतीकरण सार्थक और अर्थवान है.
पुनः बधाई.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on December 18, 2013 at 9:29am

सराहना हेतु आपका बहुत बहुत आभार आदरणीया कल्पना रमानी जी |

Comment by कल्पना रामानी on December 16, 2013 at 11:52pm

बहुत ही श्रेष्ठ कथन आपका, सबके विचार ऐसे हों तो सतयुग ही आ जाए।

सार्थक संदेश  देती हुई लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई आपको आदरणीय गणेश बागी जी  


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on December 16, 2013 at 4:48pm

बहुत बहुत आभार आदरणीया डॉ प्राची जी, लघुकथा पर आपकी टिप्प्णी और अच्छा लिखने हेतु प्रेरित करेगी |


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on December 16, 2013 at 4:47pm

आदरणीय अभिनव भाई, आप जैसे ससक्त हस्ताक्षर से सराहना पाना खुद में एक उपलब्धि है, बहुत बहुत आभार, स्नेह बना रहे |


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on December 16, 2013 at 4:46pm

सराहना हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीया किरण आर्या जी, आप सब का उत्साहवर्धन और बढ़िया लिखने हेतु प्रेरित करता है, बहुत बहुत आभार |


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on December 16, 2013 at 4:40pm

सराहना हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीया कुंती मुखर्जी जी |


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on December 16, 2013 at 4:39pm

प्रतिक्रिया हेतु आभार तपन दुबे जी |


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on December 16, 2013 at 4:38pm

आदरणीय डॉ आशुतोष जी, आपने प्रस्तुत लघुकथा की आत्मा तक पहुँच कर टिप्प्णी की है, आपकी प्रतिक्रिया उत्साहवर्धन करती है, बहुत बहुत आभार |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"स्वागतम"
25 minutes ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय गजेंद्र जी, हृदय से आभारी हूं आपकी भावना के प्रति। बस एक छोटा सा प्रयास भर है शेर के कुछ…"
1 hour ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"इस कठिन ज़मीन पर अच्छे अशआर निकाले सर आपने। मैं तो केवल चार शेर ही कह पाया हूँ अब तक। पर मश्क़ अच्छी…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय गजेंद्र ji कृपया देखिएगा सादर  मिटेगा जुदाई का डर धीरे धीरे मुहब्बत का होगा असर धीरे…"
2 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"चेतन प्रकाश जी, हृदय से आभारी हूं।  साप्ताहिक हिंदुस्तान में कोई और तिलक राज कपूर रहे होंगे।…"
2 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"धन्यवाद आदरणीय धामी जी। इस शेर में एक अन्य संदेश भी छुपा हुआ पाएंगे सांसारिकता से बाहर निकलने…"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय,  विद्यार्जन करते समय, "साप्ताहिक हिन्दुस्तान" नामक पत्रिका मैं आपकी कई ग़ज़ल…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"वज़न घट रहा है, मज़ा आ रहा है कतर ले मगर पर कतर धीरे धीरे। आ. भाई तिलकराज जी, बेहतरीन गजल हुई है।…"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आ. रिचा जी, अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
3 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीया, पूनम मेतिया, अशेष आभार  आपका ! // खँडहर देख लें// आपका अभिप्राय समझ नहीं पाया, मैं !"
3 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय रिचा यादव जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
3 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"अति सुंदर ग़ज़ल हुई है। बहुत बहुत बधाई आदरणीय।"
3 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service