For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पुस्तक का लोकार्पण

       पुस्तक रूप में छपना किसी भी रचनाकार का स्वप्न होता है. आज के युग में जब योग्यता पर पैसे को तरजीह दी जाती हो, एक सामान्य व्यक्ति के लिए अपनी रचनाओं को पुस्तक रूप में छपवाना अत्यंत दुष्कर कार्य है, वह भी तब विशेष रूप से, जबकि आपका नाम साहित्य के क्षेत्र में नया हो. ओबीओ से जुड़े हम १५ रचनाकारों के लिए इस स्वप्न के सच होने का अवसर आया जब अंजुमन प्रकाशन, इलाहाबद ने साझा संकलन की एक श्रंखला प्रारम्भ की. ‘परों को खोलते हुए-१’ के रूप में हम १५ रचनाकारों की अतुकांत कविताओं का संकलन प्रकाशित हुआ.

       पुस्तक में सम्मिलित होने से लेकर पुस्तक लोकार्पण तक की प्रक्रिया इतनी तेजी से हुई कि पुस्तक के रूप में पहली बार प्रकाशित होने के आह्लाद को जीने का अवसर लोकार्पण के उपरान्त ही प्राप्त हो सका. यूँ तो इससे पूर्व, श्रीमती आशा पाण्डेय ओझा के सम्पादन में प्रकाशित साझा संकलन ‘त्रिसुगंधि’ में भी मेरी रचना सम्मिलित की गयी थी लेकिन अंजुमन की इस पहल में जिस तरह हर कदम पर सभी रचनाकारों को सूचित किया गया और निर्णयों एवं कार्यक्रमों में सम्मिलित रखा गया व प्रमुखता दी गयी उसने पुस्तक के रूप में प्रकाशित होने के सुख को न केवल जिन्दा रखा बल्कि बढ़ाया.

       कैफ़ी आज़मी अकादमी, निशातगंज, लखनऊ में आयोजित पुस्तक लोकार्पण समारोह इतना भव्य था कि बरबस अनजाने से हम १५ रचनाकार अपने कद को बड़ा महसूस करने लगे. इस कार्यक्रम की अनुभूतियों ने कई दिनों तक कुछ और सोचने-समझने लायक ही नहीं रखा; दिवाली की जगमग और पटाखों के शोर फीके पड़ गए.

       कार्यक्रम में मंचासीन अतिथियों का संगम अनूठा था. प्रसिद्ध गीतकार श्री गोपाल दास ‘नीरज’ मुख्य अतिथि थे तो कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध छंदकार श्री सोम ठाकुर ने की. अन्य विशिष्ट अतिथि थे- प्रसिद्ध गज़लकार एहतराम इस्लाम, अतुकांत विधा के प्रसिद्ध कवि श्री नरेश सक्सेना, प्रसिद्ध नवगीतकार श्री मधुकर अस्थाना. कार्यक्रम का संचालन प्रसिद्ध युवा गज़लकार श्री वीनस केसरी ने किया.

       मंच ही नहीं सभागार में भी अनूठी और नामी प्रतिभाओं का समागम था. कनाडा से पधारे प्रो सरन घई, मॉरिशस की श्रीमती कुंती मुखर्जी, डॉ. सूर्य बाली ‘सूरज’, प्रसिद्ध नवगीतकार डॉ. कैलाश निगम, ओपन बुक्स ऑनलाइन के संस्थापक इ. गणेश जी बागी तथा प्रबंधन के सदस्य श्री सौरभ पाण्डेय, श्री राना प्रताप सिंह, डॉ. प्राची सिंह, भूगर्भ वैज्ञानिक तथा साहित्यकार डॉ. शरदिंदु मुखर्जी, गज़लकार फरमूद इलाहाबादी सहित कई नामी-गिरामी हस्तियाँ कार्यक्रम में उपस्थित थीं.

       इस कार्यक्रम में तीन पुस्तकों का लोकार्पण हुआ- प्रो. सरन घई की पुस्तक ‘मुक्तिपथ’, श्रीमती कुंती मुखर्जी की पुस्तक ‘बंजारन’, तथा श्री सौरभ पाण्डेय द्वारा सम्पादित १५ रचनाकारों की अतुकांत कविताओं का संकलन ‘परों को खोलते हुए-१’.

‘       परों को खोलते हुए-१’ की एक प्रति पर मैंने सभी हस्तियों के हस्ताक्षर प्राप्त किये और स्मृति के तौर पर उसे सहेजकर रख लिया.

                               -  बृजेश नीरज

(मौलिक व अप्रकाशित)

 

Views: 917

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बृजेश नीरज on November 26, 2013 at 10:05pm

आदरणीया राजेश कुमारी जी आपका बहुत बहुत आभार!

Comment by बृजेश नीरज on November 26, 2013 at 10:00pm

आदरणीय राम भाई आपका हार्दिक आभार!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 26, 2013 at 10:00pm

बहुत सुन्दर रिपोर्टिंग ,सच में वो पल इतने कीमती कभी न भूलने वाले होते हैं मैं महसूस कर सकती हूँ बहुत- बहुत बधाई आप सबको दिन दूनी रात चौगुनी उन्नति करते रहिये मेरी शुभकामनायें 

Comment by ram shiromani pathak on November 26, 2013 at 9:03pm

आप सब को बहुत बहुत बधाई ....  सादर  

Comment by बृजेश नीरज on November 26, 2013 at 8:18pm

मुझे भी इंतज़ार है!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on November 26, 2013 at 8:16pm

ये तो अच्छी बात है आदरणीय बृजेशजीl  अब ग़ज़ल के फलक पर का इंतज़ार रहेगा

Comment by बृजेश नीरज on November 26, 2013 at 7:49pm

आदरणीय शिज्जू जी आपका हार्दिक आभार! वैसे पुस्तक मेरे पास भी उपलब्ध है! :))


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on November 26, 2013 at 7:47pm

ये पुस्तक तो मैंने भी खरीदा है, मुझे कल ही मिला है, मैंने सीधे वीनस जी लिया है

Comment by बृजेश नीरज on November 26, 2013 at 7:14pm

आदरणीय गोपाल जी आपका हार्दिक आभार!

अब आपका सतत मार्गदर्शन हम लोगों को चाहिए! 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on November 26, 2013 at 7:04pm

ब्रजेश नीरज जी

पुस्तक लोकार्पण का द्रश्य देखकर अभिभूत हुआ  i इसकी रिपोर्टिंग भी काबिले तारीफ़ है i मैंने जानकारी के अभाव में इस  कार्यक्रम को मिस किया  i  तथापि शत-शत  बधाई  i  

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"ब्रजेश जी, आप जो कह रहें हैं सब ठीक है।    पर मुद्दा "कृष्ण" या…"
9 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"क्या ही शानदार ग़ज़ल कही है आदरणीय शुक्ला जी... लाभ एवं हानि का था लक्ष्य उन के प्रेम मेंअस्तु…"
yesterday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"उचित है आदरणीय अजय जी ,अतिरंजित तो लग रहा है हालाँकि असंभव सा नहीं है....मेरा तात्पर्य कि…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि भाईजी, इस प्रस्तुति के मोहपाश में तो हम एक अरसे बँधे थे. हमने अपनी एक यात्रा के दौरान…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,//आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति पर आने में मुझे विलम्ब हुआ है. कारण कि, मेरा निवास ही बदल रहा…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. अजय गुप्ता जी "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service