For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कुण्डलिया (हाय री किस्मत्)

हाय री किस्मत्

देखो सारे कर रहे, दूजा इन्क्रीमैंट,

अपना पिछले वर्ष का, बाकी है पेमैंट।

बाकी है पेमैंट, करो मत जल्दी-जल्दी,

कई ‘अटल’ हैं हाय, चढ़ानी जिनको हल्दी।

कह ‘जोशी’ कविराय, सभी किस्मत के मारे,

खाते लंगर भात, आजकल देखो सारे।

------------------------------------ सुशील जोशी

"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 801

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil.Joshi on October 10, 2013 at 5:57am

इस स्नेहिल टिप्पणी के लिए अतिश: धन्यवाद आपका आदरणीया राजेश कुमारी जी.....


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 9, 2013 at 9:28pm

कई ‘अटल’ हैं हाय, चढ़ानी जिनको हल्दी। हाहाहा हल्दी से ही रंग चोखा होगा ,मजेदार कुण्डलिया लिखी है सुशील जी वाह ,बधाई आपको  

Comment by Sushil.Joshi on October 9, 2013 at 8:39pm

आपका ह्रदय की गहराइयों से आभार आदरणीय गिरिराज भंडारी जी....

Comment by Sushil.Joshi on October 9, 2013 at 8:38pm

हार्दिक आभार आपका आदरणीय कुंती मुखर्जी.....

Comment by Sushil.Joshi on October 9, 2013 at 8:37pm

इस स्नेह के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद आदरणीय प्रदीप जी....

Comment by Sushil.Joshi on October 9, 2013 at 8:37pm

सही कहा आदरणीय कपीश चंद्र जी..... लेकिन यहां विडंबना यह है कि मैं एक निजी कार्यालय में कार्यरत हूँ और वहाँ के भी यही हाल हैं.... या यूँ कहें कि वस्तुत: अपने ही कार्यालय के प्रति यह कटाक्ष रचा था मैंने और अपने एवं अपने साथियों की ही स्थिति बयाँ की है.... टिप्पणी के लिए सादर आभार आपका...

Comment by Sushil.Joshi on October 9, 2013 at 8:32pm

वाह वाह आदरणीय लक्ष्मण प्रसाद जी..... खूब दोहा कहा है.... साथ ही मेरी इस रचना को पसंद करने के लिए आपका हार्दिक आभार....

Comment by Sushil.Joshi on October 9, 2013 at 8:31pm

सराहना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आपका आदरणीय शिज्जू भाई जी....


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 9, 2013 at 2:04pm

वाह वा !!!! आदरणीय सुशील भाई , मध्यम वर्गीय कर्मचारी के दुखों से सुन्दर परिचय कराया आपने !! बहुत बधाई !!! 

Comment by coontee mukerji on October 9, 2013 at 12:35pm

आज का  एक और कड़वा सत्य.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय, जय हो "
13 hours ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
14 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service