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जवाँ दिल है,धड़कने दो

**जवाँ दिल है,धड़कने दो |**

जवाँ दिल है, धडकनें भी,

ये धड़केंगी,

धड़कने दो |
नसों में लावा बहता है,

लहू बन के,

फड़कने दो ||


वतन के काम आएगा,

हर एक कतरा,

एक-एक बूँद ,
बंधी बेड़ी-जंज़ीरों को,

हौंसलों से,

तड़कने दो ||


उठो जागो कमर बाँधो,

विजय पथ पे,

अग्रसर हो | 
खटकते हो गर दुश्मन की,

आँखों में,

खटकने दो || 


नफ़रत की आँधियों में,

गोलियों की,

हैं बौछारें |
शहादत की बिजलियों को,

आज खुल के,

कड़कने दो ||


सलामी सौ सौ तोपों की,

याद में,

वीर शहीदों की
हिन्द के नौजवानों की,

बुलंद होकर,

गरजने दो ||

जवाँ दिल है धडकनें भी,

ये धड़केंगी,

धड़कने दो |
नसों में लावा बहता है,

लहू बन के,

फड़कने दो ||

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 487

Comment

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Comment by Jitender Kumar Jeet on October 1, 2013 at 7:09pm
आदरणीया डाॅ.प्राची जी , आभार आपका । सादर धन्यवाद ।

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on October 1, 2013 at 3:27pm

जोश भरी प्रस्तुति ...

शुभकामनाएं 

Comment by Jitender Kumar Jeet on October 1, 2013 at 12:40pm

अरुन जी, जितेन्द्र भाई, मीना जी, महिमा जी, डी.पी. माथुर जी एवं अनुराग जी आप सभी का सराहना हेतु  आभार | शुक्रगुज़ार हूँ सभी वरिष्ठ लेखक -पाठक बन्धुओं का | सबको सादर प्रणाम | ऐसे ही मार्गदर्शन और हौसलाअफजाई करते रहें , बल मिलता है | धन्यवाद !!! 

Comment by अरुन 'अनन्त' on October 1, 2013 at 12:12pm

आदरणीया जीतेंद्र भाई बेहद ओजपूर्ण प्रस्तुति निम्न पंक्तियाँ बहुत ही लाजवाब हैं और अत्यधिक पसंद आईं. बधाई स्वीकारें. वाह

नफ़रत की आँधियों में,

गोलियों की,

हैं बौछारें |
शहादत की बिजलियों को,

आज खुल के,

कड़कने दो ||


सलामी सौ सौ तोपों की,

याद में,

वीर शहीदों की
हिन्द के नौजवानों की,

बुलंद होकर,

गरजने दो ||

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on October 1, 2013 at 9:41am

बहुत सुंदर रचना, हार्दिक बधाई जीतेन्द्र जी

Comment by Meena Pathak on October 1, 2013 at 7:42am

सलामी सौ सौ तोपों की,

याद में,

वीर शहीदों की
हिन्द के नौजवानों की,

बुलंद होकर,

गरजने दो ||..............सुन्दर रचना हेतु बहुत बहुत बधाई स्वीकारें 

Comment by MAHIMA SHREE on September 30, 2013 at 9:54pm

उठो जागो कमर बाँधो,

विजय पथ पे,

अग्रसर हो | 
खटकते हो गर दुश्मन की,

आँखों में,

खटकने दो || .....आज देश की  ऐसे ही जज्बे की जरुरत है .....बहुत -२ बधाई

Comment by D P Mathur on September 30, 2013 at 8:37pm

सुन्दर रचना के लिए बधाई ।

Comment by डॉ. अनुराग सैनी on September 30, 2013 at 6:31pm

बहुत ही सुन्दर ! जबरदस्त जज्बा है ! इस सुन्दर रचना पर आपको ढेरो बधाईयाँ 

कृपया ध्यान दे...

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