For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

भारत माँ की बड़ी दुलारी हिंदी रानी

भारत माँ की बड़ी दुलारी हिंदी रानी

=================================

सीधी सादी नेक बड़ी हूँ दिल की रानी

भारत माँ की बड़ी दुलारी हिंदी रानी

मै महलो हूँ गाँव बसी हूँ जंगल में भी

आदि काल से जन-जन में हूँ आदिवासी

कुछ सुधरो कुछ मुझे सुधारो चाह यही

मन में झांको हीरा-पन्ना सगुण भरी

मुझे  सजाओ रूप संवारो मै महरानी

भारत माँ की बड़ी दुलारी हिंदी रानी

===============================

बड़ा दर्द होता है सुन-सुन अंग्रेजी महरानी

घर की देवी छोड़ पूजते बनते गए विदेशी

कोमल संस्कार बच्चों के छीने घूँट पिलाये

आधी हिंदी इंग्लिश आधी खिचड़ी उन्हें खिलाये

सौतन कितना प्रेम करेगी क्या ये समझ न आये

मान दिया है घर में रखा तेरी खातिर मान गँवाए

अन्तः झांको धनी  बहुत हूँ सरस्वती वरदानी

भारत माँ की बड़ी दुलारी हिंदी रानी …………..

===============================

आकाशवाणी दूरदर्शन विद्यालय नैतिकता लाओ

रेडिओ स्टेशन टी वी सेंटर स्कूल टेबल ना मन लाओ

अधकचरा अधपके ज्ञान से ना साक्षात्कार कराओ

एम्प्लाई इम्प्लायर मन को हिंदी के रुख लाओ

पत्र पत्रिका ग्रन्थ या पुस्तक हिंदी सारी छपवाओ

मेरे रूप में झांको  लिख दो चिट्ठे बहुत बनाओ

लेख लिखो तुम कविता लिख दो तकनीकें लिख डालो

ज्ञान भरा है निज भाषा में विश्व गुरु बन छाओ

उन्हें भी दे दो धनी बनो तुम मै लक्ष्मी महरानी

भारत माँ की बड़ी दुलारी हिंदी रानी …………..

==================================

हर्षित मै हूँ कुछ ने समझा मुझे पूजते हिंदी रानी

आओ जुडो और कुछ भाई  बहन सभी हूँ देवनागरी

सुन्दर सुघड़ बड़े गुण वाली समृद्ध तुम्हे बनाऊँगी

जन-जन में पहचान दिला के तुझको ताज पिन्हाऊँगी

भारत -भाषा संस्कृति अपनी नेह प्रेम ले तुझमे बसती

मुझको लो पहचान अभी भी ना मानो मुझको तुम सस्ती

अधजल गगरी छलके जाए मै ‘प्रिय’ गागर-सागर

कर मंथन हे ! अमृत पा ले हिंदी संग बन "मानव"

दूध की नदिया सोने चिड़िया खान भरी मै रानी

भारत माँ की बड़ी दुलारी हिंदी रानी ....................

====================================

"मौलिक व अप्रकाशित"

सुरेन्द्र कुमार शुक्ल 'भ्रमर'

24.09.2013 6.19-7.03 पूर्वाह्न

प्रतापगढ़

वर्तमान -कुल्लू हिमाचल प्रदेश

भारत

Views: 1158

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 27, 2013 at 12:38pm

हिंदी भाषा के शान ,सम्मान में इतने विस्तार से भाव पूर्ण प्रस्तुति दी है बहुत अच्छा लगा पढ़ के बहुत बहुत बधाई आपको 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 27, 2013 at 11:03am
आदरणीय हिन्दी की शान मे इतनी और ऐसी रचनाये एक साथ बहुत दुर्लभ है , आपको बहुत बहुत बधाई !!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है । आये सुझावों से इसमें और निखार आ गया है। हार्दिक…"
12 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन और अच्छे सुझाव के लिए आभार। पाँचवें…"
48 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय सौरभ भाई  उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार , जी आदरणीय सुझावा मुझे स्वीकार है , कुछ…"
56 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल पर आपकी उपस्थति और उत्साहवर्धक  प्रतिक्रया  के लिए आपका हार्दिक…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति का रदीफ जिस उच्च मस्तिष्क की सोच की परिणति है. यह वेदान्त की…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, यह तो स्पष्ट है, आप दोहों को लेकर सहज हो चले हैं. अलबत्ता, आपको अब दोहों की…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज सर, ओबीओ परिवार हमेशा से सीखने सिखाने की परम्परा को लेकर चला है। मर्यादित आचरण इस…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"मौजूदा जीवन के यथार्थ को कुण्डलिया छ्ंद में बाँधने के लिए बधाई, आदरणीय सुशील सरना जी. "
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  ढीली मन की गाँठ को, कुछ तो रखना सीख।जब  चाहो  तब …"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"भाई शिज्जू जी, क्या ही कमाल के अश’आर निकाले हैं आपने. वाह वाह ...  किस एक की बात करूँ…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपके अभ्यास और इस हेतु लगन चकित करता है.  अच्छी गजल हुई है. इसे…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय शिज्जु भाई , क्या बात है , बहुत अरसे बाद आपकी ग़ज़ल पढ़ा रहा हूँ , आपने खूब उन्नति की है …"
6 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service