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दहेज प्रथा
सामाजिक पतन
कैसी ये व्यथा !!

भ्रूण संहार
अंसतुलित हम
गिरता स्तर !!

घना कोहरा
छायी उदासीनता
न हो सवेरा !!

उम्र नादान
विलक्षण प्रतिभा
छू आसमान !!

कड़वा सच
गिरती नैतिकता
देख दर्पण !!


मौलिक व अप्रकाशित
(प्रवीन मलिक)

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Comment

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सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on September 18, 2013 at 4:40pm

बहुत सुन्दर हायकू..आदरणीया  परवीन जी 

सभी हायकू शिल्पगत और पूर्ण हैं.. किस एक की खास तारीफ करूँ.

उम्र नादान
विलक्षण प्रतिभा
छू आसमान !!...फिर भी, यह हायकू सबसे ज्यादा पसंद आया.

बहुत बहुत बधाई 

Comment by vijay nikore on September 18, 2013 at 1:10pm

आदरणीया प्रवीन जी,

सुन्दर रचना। बधाई।

 

सादर,

विजय निकोर

Comment by vijayashree on September 18, 2013 at 12:35pm

कड़वा सच
गिरती नैतिकता
देख दर्पण !!

बहुत खूब प्रवीण जी 

Comment by अरुन 'अनन्त' on September 18, 2013 at 11:20am

आदरणीया प्रवीन जी हाइकू पर आप धीरे धीरे कामयाब होती जा रही हैं यह प्रस्तुति वाकई बेहद सुन्दर है सभी हाइकू पसंद आये इस हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें. आपका का श्रम सही दिशा में है .

Comment by Meena Pathak on September 18, 2013 at 12:09am

बहुत सुन्दर हाइकू .. बधाई आप को

Comment by annapurna bajpai on September 17, 2013 at 11:34pm
आ0 प्रवीन मालिक जी सुंदर रचना । बहुत बधाई ।
Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on September 17, 2013 at 12:12am

घना कोहरा
छायी उदासीनता
न हो सवेरा !!......बढ़िया भाव

कड़वा सच
गिरती नैतिकता
देख दर्पण !!......सत्य कथन

बढ़िया रचना , बधाई स्वीकारें आदरणीया परवीन जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 16, 2013 at 5:29pm

आदरणीया प्रवीण जी , सुन्दर रचना है ,

कड़वा सच
गिरती नैतिकता
देख दर्पण !! ----------------------- ये बात अच्छी लगी !! इसे शायद हाईकू कहते है ? शिल्प के विषय मे अंजान हूँ !! रचना के लिये बधाई !!!

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