For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

!!! पाठशाला बेमुरव्वत !!!

लोग मन को जांचते हैं,
भांप कर फिर काटते हैं।।

जब किसी का हाथ पकड़ें,
बेबसी तक थामते हैं।

धूप में बरसात में भी,
छांव-छतरी झांकते हैं।

दोस्तों से दुश्मनी जब,
रास्ते ही डांटते हैं।

छोड़ते हैं दर्द विषधर
बालिका को साधते हैं।

आज गरिमा मर चुकी जब,
गीत - कविता भांपते हैं।

जिंदगी में शोर बढ़ता
रिश्ते सारे सालते हैं।

पाठशाला बेमुरव्वत,
प्राण अस्मत चाहते हैं।

मैं सुनाऊं आप सुन लें
मौन दीपक कांपते हैं।

के0पी0सत्यम/मौलिक व अप्रकाशित

Views: 703

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 13, 2013 at 6:21pm

आ0 बृजेश भाई जी,  सादर प्रणाम! भाई जी, आप पाठक हैं या समीक्षक यह बात मेरे समझ में नहीं आयी।  भाई! मेरी भाषा और शैली अनूठी है, जो कभी भी किसी से मेल नहीं खाएगी।  क्यों कि मैं अपनी  बात लिखता हूं।  आपकी स्पष्टता और समझ को इस तालमेल में मत मिलाइए।  आपके स्नेह के लिए आपका हृदयतल से आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 13, 2013 at 6:11pm

आ0 विजय भाई जी,  सादर प्रणाम! आपके स्नेह और सराहना के लिए आपका हृदयतल से आभार।  सादर,

Comment by बृजेश नीरज on September 13, 2013 at 1:04pm

आदरणीय केवल भाई बहुत सुन्दर! आपको हार्दिक बधाई!
एक निवेदन कि कहन में ऐसी स्पष्टता अवश्य होनी चाहिए कि पाठक को झट समझ आ जाए। यह मेरी समझ भर है। हो सकता है कि आप कि इस विषय पर आपकी राय अलग हो।
सादर!

Comment by विजय मिश्र on September 13, 2013 at 12:23pm
भाई केवलजी , आपकी कविता के शब्द-शब्द मन को काटते हैं , विषय सधा हुआ और व्यथित करती अभिव्यक्ति , समयोचित संदर्भ . बधाई .
Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 12, 2013 at 6:09pm

आ0 अरविन्द भाई जी, आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका बहुत-बहुत आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 12, 2013 at 6:08pm

आ0 भण्डारी भाई जी, आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका बहुत-बहुत आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 12, 2013 at 6:07pm

आ0 महिमा श्री जी, आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका बहुत-बहुत आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 12, 2013 at 6:06pm

आ0 राम शिरोमणि भाई जी, आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका बहुत-बहुत आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 12, 2013 at 6:05pm

आ0 अरून अनन्त भाई जी, आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका बहुत-बहुत आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 12, 2013 at 6:02pm

आ0 अनिल भाई जी, आपका बहुत-बहुत आभार।  सादर,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin posted discussions
6 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ सड़सठवाँ आयोजन है।.…See More
7 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम -. . . . . शाश्वत सत्य
" आदरणीय सुशील सरना जी सादर, जीवन के सत्य पर सुन्दर दोहावली रची है आपने. हार्दिक बधाई…"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थित और मार्गदर्शन के लिए आभार। कुछ सुधार किया है…"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई बृजेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद।"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद।"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद।"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थित और मार्गदर्शन के लिए आभार। कुछ सुधार किया है…"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आ. भाई वृजेश जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई। मतले में यदि उन्हें सम्बोधित कर रहे हैं…"
13 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"अनुज बृजेश , पूरी ग़ज़ल बहुत खूबसूरत हुई है , हार्दिक बधाई स्वीकार करें मतले के उला में मुझे भी…"
15 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"आदरणीय भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और विस्तार से सुझाव के लिए आभार। इंगित…"
17 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service