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इलाज का इन्तजार आज भी है ,,,,


मुझे मालूम था,
उसे पा न सकूँगा,
उसे न पाने की कसक,
दिल में आज भी है ,,,
जमाना गुजर गया,,,,
पीढियां बदल गयी,
मुहाबत की गलियों में,
दिल बेकरार आज भी है,,,,,
मेरी तनहा ज़िन्दगी,
उनकी तनहा यादें,
सदियों की रुसवाई में,
दिल रुखसार आज भी है,,,
दिल नादाँ था बेवकूफ नहीं ,,
हार बैठा काँटों के झंझावतों में,
बचने का आसरा ही नहीं,
मगर दूर दरिया के पार,,
दिखती पतवार आज भी है,,,,,
मुझे उनकी सादगी पसंद थी,,
उन्हें मेरी बंदगी पसंद थी,,
इस दिल के मरीज को,
इलाज का इन्तजार आज भी है ,,,,,,,
जमाना गुजर गया,,,,
पीढियां बदल गयी,
मुहाबत की गलियों में,
दिल बेकरार आज भी है,,,,,
मेरी तनहा ज़िन्दगी,
उनकी तनहा यादें,
सदियों की रुसवाई में,
दिल रुखसार आज भी है,,,
दिल नादाँ था बेवकूफ नहीं ,,
हार बैठा काँटों के झंझावतों में,
बचने का आसरा ही नहीं,
मगर दूर दरिया के पार,,
दिखती पतवार आज भी है,,,,,
मुझे उनकी सादगी पसंद थी,,
उन्हें मेरी बंदगी पसंद थी,,
इस दिल के मरीज को,
इलाज का इन्तजार आज भी है ,,,,,,,

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Comment by asha pandey ojha on December 8, 2010 at 11:48pm
मुझे उनकी सादगी पसंद थी,,
उन्हें मेरी बंदगी पसंद थी,,
इस दिल के मरीज को,
इलाज का इन्तजार आज भी है ,,,,,,,
Tags: bahut khoobsurat ... kuchh hatke

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Rana Pratap Singh on September 6, 2010 at 6:13pm
बहुत सुन्दर....इंतजार का अपना अलग ही मज़ा है|
Comment by Rash Bihari Ravi on March 22, 2010 at 5:21pm
मुझे उनकी सादगी पसंद थी,,
उन्हें मेरी बंदगी पसंद थी,,
इस दिल के मरीज को,
इलाज का इन्तजार आज भी है ,,,,,,,
bah ka bat ba jai ho,
Comment by Babita Gupta on March 22, 2010 at 3:33pm
Bahut nik likhaley hai rauwa, aisahi kuch aur bhi likhi.

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on March 22, 2010 at 10:02am
मुझे मालूम था,
उसे पा न सकूँगा,
उसे न पाने की कसक,
दिल में आज भी है ,,,

क्या बात है अभिषेक भाई, बहुत बढ़िया कविता लिखे है, ये मोती सब दिल के किस कोने मे सम्भाल के रखे है जी, आप तो बहुत ही सुन्दर लिख रहे है, उम्मीद है कि आगे भी इस तरह कि रचना पढ़ने को मिलती रहेगी, धन्यबाद ।
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on March 21, 2010 at 10:27pm
bahut acchi rachna hai abhishek jee....dil khush ho gaya aapka ye rachna padh ke...

aapka ye pahla blog aur ekdam behtarin hai......shaandaar hai ekdam se....
bahut bahut dhanyabaad yahan post karne ke liye....
Comment by Admin on March 21, 2010 at 10:22pm
अभिषेक जी आपने बहुत ही खुबसुरत रचना यहा पर पोस्ट किया है, आपने अपनी भावनाओ को बहुत ही सलिके से सजाया है, आपका पहला और बेहतरिन ब्लाग के लिए धन्यबाद ।

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