For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

एक गाँव था ! वहां बहुत सारे पापी रहते थे ! पाप करते और पानी से धो लेते ! धोते-धोते एकदिन सारा पानी खत्म हो गया ! पानी खत्म होने पर उन पापियों के पाप से गाँव तपने लगा ! उस तपन को पापियों ने नज़रंदाज़ कर दिया और पहले की ही तरह पाप करते रहे ! तपते-तपते आखिर एकदिन बड़ी भयानक आग उठी और उन पापियों को जलाने के लिए बढ़ने लगी ! पानी तो था नही,  इसलिए पापियों ने आग से बचने के लिए उसपर खूब सारी मिटटी डाल दी ! आग दबने लगी, पापी खुश होने लगे कि तभी बड़ी जोर से आंधी आई और सारी मिट्टी उड़ गई ! अब हवा से परवाज पाकर आग और तेज हो उठी ! उसने सब पापियों को जलाकर राख कर दिया ! गाँव में क्रांति आ गई !

-पियुष द्विवेदी ‘भारत’

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 486

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by पीयूष द्विवेदी भारत on August 21, 2013 at 12:53pm

बहुत बहुत धन्यवाद, आदरणीय वसुंधरा जी !

Comment by Vasundhara pandey on August 9, 2013 at 4:28pm

क्या बात है.....

बहुत सुन्दर !

Comment by पीयूष द्विवेदी भारत on August 9, 2013 at 12:03pm

आदरणीय सीमा जी, सौरभ जी, अमन जी, जितेन्द्र जी, अविनाश भाई जी, गीतिका जी तथा अनुपमा जी, आप सभीने इस रचना को अपना बहुमूल्य समय दिया और इसे सराहा, ये सार्थक हुई ! आप सभीको बहुत बहुत धन्यवाद !

Comment by annapurna bajpai on August 8, 2013 at 11:47pm

adarniy piyush ji bahut badhiya chhap chhodti laghu katha ke liye badhai

 

Comment by वेदिका on August 8, 2013 at 11:15pm

बहुत खूब कथा, बढ़िया... सही बिम्ब चयन ने सही प्रभाव छोड़ा !

सादर !!  

Comment by AVINASH S BAGDE on August 8, 2013 at 10:21am

हार्दिक बधाई आदरणीय पियूष जी...अच्छी प्रस्तुति .

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 8, 2013 at 9:41am

"पापियों का देर से ही सही, पर अंत जरुर होता है"

हार्दिक बधाई आदरणीय पियूष जी

Comment by aman kumar on August 8, 2013 at 9:13am

सही सन्देश है पाप को छुपा नही सकते ................

आभार 

Comment by Saurabh Srivastava on August 7, 2013 at 10:59pm

गाँव में क्रान्ति आ गयी.... बहुत अच्छी लघुकथा.. बधाई!

Comment by seema agrawal on August 7, 2013 at 10:40pm

पाप का घडा कभी तो भरता ही है .......अच्छी प्रस्तुति 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

anwar suhail updated their profile
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
yesterday
ajay sharma shared a profile on Facebook
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Monday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service