For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल : अरुन शर्मा 'अनन्त'

फाईलु / फाइलातुन / फाईलु / फाइलुन

वज्न : २२१, २१२२, २२१, २१२

नैनो के जानलेवा औजार से बचें,
करुणा दया ख़तम दिल में प्यार से बचें,


पत्थर से दोस्त वाकिफ बेशक से हों न हों,
है आइना फितरती दीदार से बचें,

आदत सियासती है धोखे से वार की,
तलवार से डरे ना सरकार से बचें,

गिरगिट की भांति बदले जो रंग दोस्तों,
जीवन में खास ऐसे किरदार से बचें,

नफरत नहीं गरीबों के वास्ते सही,
यारों सदा दिमागी बीमार से बचें,

जो चासनी लबों पर रख के चले सदा,
इंसान है मतलबी उपकार से बचें....

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 605

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by वेदिका on June 9, 2013 at 1:02am

गिरगिट की भांति बदले जो रंग दोस्तों,
जीवन में खास ऐसे किरदार से बचें,

अहा! बहुत खूब बयाँ किया आपने अरुणजी!
Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on June 9, 2013 at 12:52am
आदरणीय... अरुण जी, क्या खूब कहा आपने " नैनो के जानलेवा औजार से बचें, करुणा दया खतम् दिल में प्यार से बचे! गिरगिट की भाँति बदले जो रंग दोस्तों, जीवन में खास ऐसे किरदार से बचें! जो चासनी लवों पर रख के चले सदा, इंसान है मतलबी उपकार से बचें! वाह! अरुण जी वाह ...बहुत खूब बहुत खूब ...हार्दिक शुभकामनाऐं

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 8, 2013 at 11:01pm

बढ़िया ग़ज़ल लिखी है प्रिय अरुन  इन मिसरों में थोड़े से बदलाव से बहर ठीक हो जाएगी जैसे ----है आइना फितरती दीदार से बचें,
है आईने की फितरत दीदार से बचें ---या कुछ और सोचें  -------फितरती २  १ २  होता है १ २ २ नहीं 

इंसान है मतलबी उपकार से बचें..----इंसान मतलबी है उपकार से बचे ---ये  लिखने से ..सही बहर  आएगी 

सुन्दर प्रयास है बहरहाल दाद कबूल करें 

Comment by कल्पना रामानी on June 8, 2013 at 10:56pm

गिरगिट की भांति बदले जो रंग दोस्तों,

जीवन में खास ऐसे किरदार से बचें,....वाह वाह! क्या खूब

अरुण जी बधाई आपको...

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आपने जो सुधार किया है, वह उचित है, भाई बृजेश जी।  किसे जगा के सुनाएं उदास हैं कितनेख़मोश रात…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"इतने वर्षों में आपने ओबीओ पर यही सीखा-समझा है, आदरणीय, 'मंच आपका, निर्णय आपके'…"
3 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी मंच  आपका निर्णय  आपके । सादर नमन "
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सुशील सरना जी, आप आदरणीय योगराज भाईजी के कहे का मूल समझने का प्रयास करें। मैंने भी आपको…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"अनुज बृजेश  किसे जगा के सुनाएं उदास हैं कितनेख़मोश रात  बिताएं उदास  हैं कितने …"
4 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"ठीक है आदरणीय योगराज जी । पोस्ट पर पाबन्दी पहली बार हुई है । मंच जैसा चाहे । बहरहाल भविष्य के लिए…"
4 hours ago

प्रधान संपादक
योगराज प्रभाकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आ. सुशील सरना जी, कृपया 15-20 दोहे इकट्ठे डालकर पोस्ट किया करें, वह भी हफ्ते में एकाध बार. साईट में…"
4 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
5 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय सौरभ सर ओ बी ओ का मेल वाकई में नहीं देखा माफ़ी चाहता हूँ आदरणीय नीलेश जी, आ. गिरिराज जी ,आ.…"
9 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम -. . . . . शाश्वत सत्य
"आदरणीय  अशोक रक्ताले जी सृजन आपकी प्रेरक प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ ।  इंगित बिन्दुओं पर…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"ओबीओ का मेल चेक करें "
12 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय सौरभ सर सादर नमन....दोष तो दोष है उसे स्वीकारने और सुधारने में कोई संकोच नहीं है।  माफ़ी…"
12 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service