For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल "जो पता हो गये निशाने सब "

=====ग़ज़ल======

जो पता हो गये निशाने सब
तीर आने लगे चलाने सब

आँख खोली सुबह हक़ीकत ने
ख्वाब टूटे मेरे सुहाने सब

उनकी मासूम अदा देखें जो
थाम लेते हैं दिल दीवाने सब

कितनी तारीफ मैं करूँ उनकी
कम ही लगते हैं ग़ज़लो गाने सब

उनके दीदार जब हुए जाना
क्यूँ भटकते हैं उनको पाने सब

दौरे रुखसत में दोस्त आए हैं
बस जनाज़ा मेरा उठाने सब

झूठ आया है सामने अब तो
जान पाए हैं थे बहाने सब

गर्दिशें जब से मिली हैं हमको
"दीप" आएँ है तब जलाने सब


संदीप पटेल "दीप"

Views: 402

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ashok Kumar Raktale on May 20, 2013 at 8:03am

उनके दीदार जब हुए जाना 
क्यूँ भटकते हैं उनको पाने सब..........वाह क्या बात है. 

बढ़िया गजल आदरणीय संदीप जी सादर बधाई स्वीकारें.

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on May 16, 2013 at 3:18pm

आदरणीय गुरुदेव सौरभ सर जी सादर प्रणाम
आपकी दाद के लिए बहुत बहुत धन्यवाद और सादर आभार
सुधार कार्य जल्द ही कर के आपको अवगत करूँगा सर जी
स्नेह यूँ ही बनाए रखिए


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 15, 2013 at 10:01pm

क्या मतला हुआ है ! वाह !

ज़ल्दबाज़ी स्वीकार ही लिया है तो क्या कहना ? मिसरों के सुधर जाने की प्रतीक्षा में. .

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on May 15, 2013 at 9:24am

आदरणीय केवल प्रसाद जी , आदरणीय वीनस सर जी , आदरणीया शालिनी जी आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद और सादर आभार स्नेह यूँ ही बनाए रखिए

आदरणीय वीनस सर जी सुधार आवशयक् है ये मिसरे जल्दबाज़ी मे बेबह्र हो गये हैं जल्द ही समय निकाल के इसे सुधारँगा स्नेह यूँ ही बनाए रखिए

Comment by shalini kaushik on May 15, 2013 at 2:01am

बहुत सुन्दर 

Comment by वीनस केसरी on May 15, 2013 at 12:43am

अच्छी जमीन पर कुछ अच्छे अशआर के लिए बधाई ...


जो पता हो गये निशाने सब
तीर आने लगे चलाने सब

मतला सबसे जानदार है इसके लिए अलग से दाद ...


इन पर पुनः गौर करें ....

उनकी मासूम अदा देखें जो
गर्दिशें जब से मिली हैं हमको
कम ही लगते हैं ग़ज़लो गाने सब

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 14, 2013 at 10:38pm

आ0  संदीप पटेल  जी,    बहुत-बहुत सुन्दर। बधाई स्वीकारें,   सादर,

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on May 14, 2013 at 7:34pm

बहुत बहुत शुक्रिया आपका आदरणीय राजेश सर जी ...सादर आभार 

Comment by राजेश 'मृदु' on May 14, 2013 at 6:54pm

जय हो आदरणीय, आपको मुबारकबाद

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Vikas is now a member of Open Books Online
16 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम्. . . . . गुरु
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । विलम्ब के लिए क्षमा "
yesterday
सतविन्द्र कुमार राणा commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"जय हो, बेहतरीन ग़ज़ल कहने के लिए सादर बधाई आदरणीय मिथिलेश जी। "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"ओबीओ के मंच से सम्बद्ध सभी सदस्यों को दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयाँ  छंदोत्सव के अंक 172 में…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, जी ! समय के साथ त्यौहारों के मनाने का तरीका बदलता गया है. प्रस्तुत सरसी…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह ..  प्रत्येक बंद सोद्देश्य .. आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, आपकी रचना के बंद सामाजिकता के…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई साहब, आपकी दूसरी प्रस्तुति पहली से अधिक जमीनी, अधिक व्यावहारिक है. पर्वो-त्यौहारों…"
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। आपकी सार्थक टिप्पणी से हमारा उत्साहवर्धन …"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंद पर उपस्तिथि उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय  अखिलेश कॄष्ण भाई, आयोजन में आपकी भागीदारी का धन्यवाद  हर बरस हर नगर में होता,…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी छन्द पर उपस्तिथि और सराहना के लिए हार्दिक आभार आपका। दीपोत्सव की हार्दिक…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service