For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

क्या है तू ऐं ज़िन्दगी ?
मैं तुझे पहचान न सकी।
तेरे तो हैं रूप अनेक ,
कभी तुझे जान  न सकी।
क्या है तू ऐं ज़िन्दगी ?
देखा है मैंने तुझे कभी ,
 फूलों की तरह खिलते हुए।
और कभी देखा है मैंने तुझे,
शोलों की तरह जलते हुए।
तेरी कोई पहचान न रही,
कभी तुझे जान न सकी।
क्या है तू ऐं ज़िन्दगी ?
कहीं है तू पुष्प-सी-कोमल
तो कहीं काँटों-सी-कठोर।
कहीं पर है प्यार तेरा,
तो कहीं है अन्याय घोर।
तेरी कभी कोई शान न रही,
कभी तुझे जान न सकी।
क्या है तू ऐं ज़िन्दगी ?
कहीं पर तू बनी है रानी,
तो कहीं है आँखों का पानी।
कहीं मौत की चाहत में,
तुझसे है आत्मा अकुलानी।
तेरी कम आन हो न सकी,
कभी तुझे जान न सकी।
क्या है तू ऐं ज़िन्दगी ?
मैं तुझे पहचान न सकी।
तेरे तो हैं रूप अनेक,
कभी तुझे जान न सकी।
क्या है तू ऐं ज़िन्दगी ?
'सावित्री राठौर'
[मौलिक एवं अप्रकाशित ]

Views: 733

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by coontee mukerji on March 26, 2013 at 9:28pm

सवित्री जी,जब तक हम ज़िंदगी को समझ पाते हैं वक्त हाथ से निकल चुका होता है .बहुत सुन्दर रचना.बधाई.

Comment by vijay nikore on March 26, 2013 at 5:47pm

 

आदरणीया सावित्री जी:

 

ज़िन्दगी के इतने सारे पहलू दिखाती रचना के लिए बधाई।

 

सादर,

विजय निकोर

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on March 26, 2013 at 5:01pm

आदरणीया सावित्री राठौर जी, जिन्दगी बस प्रकृति ही है कब किधर करवट लेती है कोई न जान सका। तेरे तो हैं रूप अनेक,
कभी तुझे जान न सकी।
क्या है तू ऐं ज़िन्दगी? बहुत सुन्दर रचना, बधाई स्वीकार करें। सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service