For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हर रोज़ एक शब्द

सोचती हूँ

उसे बुन लेती हूँ 

बुन कर सोचती हूँ 

फिर उधेड़ देती हूँ ..

उधड़े  हुए शब्द

ह्रदय में

एक लकीर सी बनते

तीखी धार की तरह

निकल जाते हैं ....

सोचती हूँ यह शब्दों

का बुनना फिर

उधेड़ देना

यह उधेड़-बुन न जाने

कब तक चलेगी ..

शायद यह जिन्दगी ही

एक तरह से उधेड़ - बुन ही है

Views: 648

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by vijay nikore on January 17, 2013 at 10:19pm

सरल शब्दों में बुनी भावनाएँ मन को छू गईं।

आपकी अन्य कविताएँ पढ़ने को मन है।

बधाई।

विजय निकोर

 

Comment by Shanno Aggarwal on January 17, 2013 at 8:28pm

जिंदगी की उधेड़-बुन पर शब्दों का ये बुनना चलता ही रहता है. इस पर कितनी सुंदर रचना. 

Comment by upasna siag on January 17, 2013 at 5:24pm

विशाल जी आपका हार्दिक धन्यवाद ....

Comment by upasna siag on January 17, 2013 at 5:24pm

अरुण शर्मा जी आपका हार्दिक धन्यवाद .......

Comment by upasna siag on January 17, 2013 at 5:23pm

सौरभ पांडे जी  आपका हार्दिक धन्यवाद , आपकी सराहना से मुझे बहुत प्रोत्साहन मिला है .....

Comment by अरुन 'अनन्त' on January 17, 2013 at 11:35am

आदरणीया सर्वप्रथम ओ. बी. ओ. पर आपको देख कर ख़ुशी मिली, पहली प्रस्तुति ही बेहद सुन्दर है हार्दिक बधाई.

Comment by VISHAAL CHARCHCHIT on January 16, 2013 at 9:54pm

आपकी इस रचना में एक बहाव - शब्दों का सुन्दर ढंग से बुना जाना दिखा......सच में.....छंदमुक्त रचनाओं को अगर इसतरह से बुना जाये तो पढना बडा सुखकर लगता है.......उपासना जी हृदय से बधाई एवं ओबीओ परिवार में आपका स्वागत है !!!


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 16, 2013 at 7:29pm

शब्द कर्म की अभिव्यक्ति होते हैं. सोच को शब्द देना और उस शब्द से सोच का उमगना, यही तो वृत्ति के अनुसार कर्म और पुनः कर्म से वृत्ति के होने का चिरंतन प्रक्रिया है.

’उधेड़-बुन’ को अच्छी अभिव्यक्ति मिली है, उपासबा जी. आपकी कोई पहली रचना देख रहा हूँ. आपका संप्रेषण सधा हुआ है. आपका इस मंच पर सादर स्वागत है.

Comment by upasna siag on January 16, 2013 at 6:28pm

बहुत -बहुत धन्यवाद राजेश जी , प्रदीप कुमार जी , राम शिरोमणि जी सराहना के लिए .....

Comment by ram shiromani pathak on January 16, 2013 at 5:29pm

उत्तम अति उत्तम 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"  सरसी छंद  : हार हताशा छुपा रहे हैं, मोर   मचाते  शोर । व्यर्थ पीटते…"
1 hour ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ रोहिंग्या औ बांग्ला देशी, बदल रहे परिवेश। शत्रु बोध यदि नहीं हुआ तो, पछताएगा…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय, जय हो "
17 hours ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
19 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Dec 14
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Dec 14
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service