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गिरती दीवारें सूने खलिहान है

गिरती दीवारें सूने खलिहान है
गावों की अब यही पहचान है

चौपालों में बैठक और हंसी ठट्ठे
छोटे छोटे से मेरे अरमान है

जनता के हाथ आया यही भाग्य है
आँखों में सपने और दिल परेशान है

लें मोती आप औरों के लिये कंकड़
वादे झूठे मिली खोखली शान है

हम निकले हैं सफर में दुआ साथ है
मंजिल है दूर रस्ता बियाबान है

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Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on December 16, 2012 at 8:37pm

अच्छी ग़ज़ल, बहुत ही सुन्दर मंजरनिगारी है , गाँव का दृश्य बरबस आँखों के सामने आ जाता है , बहुत बहुत बधाई नादिर साहब |

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on December 11, 2012 at 5:15am

गिरती दीवारें सूने खलिहान है 
गावों की अब यही पहचान है

जनता के हाथ आया यही भाग्य है

आँखों में सपने और दिल परेशान है 

-----------------------------------------

सुन्दर भाव युक्त रचना हेतु बधाई.

Comment by Shyam Narain Verma on November 27, 2012 at 4:22pm
बहुत सुन्दर भाव
Comment by नादिर ख़ान on November 20, 2012 at 6:13pm

अदरणीय अशोक कुमार जी तथा अदरणीय डॉ सूर्या बाली जी हौसला अफजायी के लिए आप दोनों का बहुत शुक्रिया ।

अभी सीखने की कोशिश मे लगे है, लड़खड़ातेते कदमों से चल रहे है ।

आप लोगों के कोमेंट्स सहारा देते है।

पुनः  बहुत आभार 

Comment by डॉ. सूर्या बाली "सूरज" on November 20, 2012 at 10:51am

"नादिर भाई नमस्कार, हम निकले हैं सफर में दुआ साथ है , मंजिल है दूर रस्ता बियाबान है॥ अच्छा शेर  एक अच्छी ग़ज़ल के लिए बधाइयाँ कबूल करें ! "

Comment by डॉ. सूर्या बाली "सूरज" on November 20, 2012 at 10:49am

नादार भाई नमस्कार,

हम निकले हैं सफर में दुआ साथ है , मंजिल है दूर रस्ता बियाबान है॥ अच्छा शेर 

एक अच्छी ग़ज़ल के लिए बधाइयाँ कबूल करें ! 

Comment by Ashok Kumar Raktale on November 19, 2012 at 8:32pm

बहुत सुन्दर भाव आदरणीय नादिर खान साहब बधाई स्वीकारें.

Comment by नादिर ख़ान on November 17, 2012 at 6:22pm

बहुत शुक्रिया आदरणीय,  फूल सिंह जी ,संदीप जी,रविकर जी,एवं प्रदीप जी आप लोगों ने कोशिश को सराहा आप सभी का बहुत आभार। 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on November 17, 2012 at 2:46pm

गिरती दीवारें सूने खलिहान है 
गावों की अब यही पहचान है

----------------------------------

जनता के हाथ आया यही भाग्य है
आँखों में सपने और दिल परेशान है 

-----------------------------------------

सुन्दर भाव युक्त रचना हेतु बधाई.

Comment by रविकर on November 17, 2012 at 6:12am

बहुत बढ़िया आदरणीय ।।

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