For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

खून चूसना हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है

जैसाकि हम सभी जानते हैं कि मच्छर खून चूसते हैं।बरसात के मौसम में गंदगी के कारण इनकी संख्या और भी बढ़ जाती है,ये हमें और भी पीड़ा पहुंचाने लगते हैं।कुछ समय पहले की बात है मच्छरों से पीड़ित कुछ उपद्रवी आन्दोलनकारी मच्छरों के खून चूसने की क्रिया पर प्रतिबंध की मांग करने लगे।वो "खून मत चूसो कानून" पारित करवाने की जिद पे अड़ गये।तत्कालीन कठमुल्ला भारत सरकार ने उन उपद्रवियों की जिद मानते हुए बिल पास कर दिया।मच्छरों के क्रिया-कलाप पर प्रतिबंध लगा दिया गया।उनकी गिरफ्तारियां होने लगी।उनसे सुरक्षा के लिए मच्छरदानी,ओडोमॉस,मॉर्टीन आदि का व्यापक पैमाने पर प्रयोग किया जाने लगा।
फिर क्या था?जगह-जगह मच्छर सभायें होने लगीं,मच्छर-आन्दोलन होने लगे।एक जगह की मच्छर सभा में मच्छरों के सर्वमान्य वरिष्ठ गांधीवादी नेता ने कहा-"खून चूसना हमारी फितरत है।यह हमारा पेशा है,और इस दुष्ट भारत सरकार ने इसे प्रतिबंधित कर दिया,और वह भी तुच्छ उपद्रवियों के कहने पर।हम आमरण अनशन करेगें।" पूरी सभा जिंदाबाद के नारे गूंज उठी।
दूसरी जगह की सभा में मध्यममार्गी नेता ने कहा-"खून चूसना हमारा धर्म है,ईमान है,जान है,सम्मान है,अभिमान है और हम इसे आसानी से नहीं जाने देगें।"
तीसरी जगह की सभा में गर्मदल के मच्छर नेता ने कहा-"खून चूसना हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और हम इसे लेकर रहेगें,किसी भी कीमत पर।"
शब्दार्थ-
उपद्रवी आन्दोलनकारी-वर्तमान समय के कुछ आन्दोलनकारी,
मच्छर-पूरी नेता बिरादरी,
खून चूसना-आम आदमियों का शोषण,

Views: 899

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी on August 31, 2012 at 8:39am
अरुन जी हार्दिक आभार।
Comment by अरुन 'अनन्त' on August 8, 2012 at 11:52am

मित्र बड़ी अच्छी रचना है बधाई स्वीकार कीजिये

Comment by विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी on August 6, 2012 at 8:35pm
आदरणीया राजेश कुमारी जी सादर आभार।
Comment by विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी on August 6, 2012 at 8:34pm
आदरणीया रेखा बहन जी सादर आभार।
व्यंग क्या है बस कुछ जोड़ी गई पंक्तियां है और वह भी सबकी कृपा से,आशीर्वाद से।
Comment by विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी on August 6, 2012 at 8:32pm
आदरणीय संदीप वाहिद जी सादर आभार। वास्तव में सर जी मुझे भी नहीं पता था कि ये मैं ही लिख रहा हूं।
Comment by विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी on August 6, 2012 at 8:30pm
आदरणीय संदीप भाई पटेल जी सादर आभार।
Comment by विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी on August 6, 2012 at 8:27pm
आदरणीय मापतपुरी सर जी सादर आभार।
Comment by विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी on August 6, 2012 at 8:26pm
आदरणीय अलबेला जी सादर आभार।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on August 6, 2012 at 7:28pm

बहुत जबरदस्त व्यंग्य हार्दिक बधाई 

Comment by Rekha Joshi on August 6, 2012 at 12:01pm

दूसरी जगह की सभा में मध्यममार्गी नेता ने कहा-"खून चूसना हमारा धर्म है,ईमान है,जान है,सम्मान है,अभिमान है और हम इसे आसानी से नहीं जाने देगें।",सटीक व्यंग,मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार करें ,आदरनीय त्रिपाठी जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service