For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पञ्च हाइकू

१.

कर ले कर्म

बस यही है धर्म

जीवन मर्म 

 

२.

छाये बहार.

आत्मिक अभिसार

प्यार में धार .

 

३.

जुड़ें बेतार

जोड़ ले लगातार  

दिलों के तार

 

४.

मन मुस्काए  

किस्मत बन जाए

क्यों घबराए 

५.

त्याग दे स्वार्थ

स्वीकार परमार्थ

उठ जा पार्थ

--अम्बरीष श्रीवास्तव

Views: 787

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Er. Ambarish Srivastava on July 27, 2012 at 10:57pm

धन्यवाद रेखा जी, आपके प्रति हार्दिक आभार

Comment by Rekha Joshi on July 27, 2012 at 10:27pm

त्याग दे स्वार्थ

स्वीकार परमार्थ

उठ जा पार्थ, बहुत खूब अम्बरीश जी ,अति सुंदर हाइकू, हार्दिक बधाई  स्वीकार कीजिये 

Comment by Er. Ambarish Srivastava on July 27, 2012 at 5:47pm

स्वागत है आदरणीय बागडे साहब ! हाइकू को सराहने के लिए हार्दिक आभार स्वीकारें मित्र ....

Comment by AVINASH S BAGDE on July 27, 2012 at 4:31pm

जुड़ें बेतार

जोड़ ले लगातार  

दिलों के तार...bahut hi umda.

..................

pancho haiku behatareen...wah! Ambarish ji.

--

त्याग दे स्वार्थ

स्वीकार परमार्थ

उठ जा पार्थ...lajwab...

Comment by Er. Ambarish Srivastava on July 27, 2012 at 4:02pm

स्वागतम आदरणीय अलबेला जी ! हाइकू को सराहने के लिए अत्यंत आभारी हूँ मित्रवर .....सादर  

मेरे हुजूर सरपंच तो एक ही होता है और वह है हाइकू सरपंच  ....मगर हाइकू  पंच के क्या कहने ! :-)))

Comment by Er. Ambarish Srivastava on July 27, 2012 at 3:58pm

स्वागत है भाई जगदानंद झा जी, हार्दिक आभार मित्र ....

Comment by Er. Ambarish Srivastava on July 27, 2012 at 3:58pm

धन्यवाद भाई अरुण शर्मा जी ! सस्नेह

Comment by Er. Ambarish Srivastava on July 27, 2012 at 3:57pm

इन्हें सराहने के लिए आपके प्रति हार्दिक धन्यवाद आदरेया राजेश कुमारी जी .....सादर

Comment by Albela Khatri on July 27, 2012 at 1:04pm

हाइकू  पंच
शब्दों के सरपंच
धन्य है मंच

धन्य है मंच
सोलह आने टंच
हाइकू पंच

Comment by Albela Khatri on July 27, 2012 at 12:57pm

वाह वाह आदरणीय अम्बरीश जी,
आपके पञ्च हाइकू
गज़ब हैं...........
ये पञ्च नहीं,
सरपंच हैं.............हा हा हा

__ साहित्यिक भाषा में विनम्र बधाई  !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Wednesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Tuesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Tuesday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, बहुत सुन्दर ग़ज़ल है आपकी। इतनी सुंदर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा है। कुछ शेर अच्छे लगे। बधई स्वीकार करें।"
Sunday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"सहृदय शुक्रिया ज़र्रा नवाज़ी का आदरणीय धामी सर"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service