For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पानी था, या हवा था,
वो किस दिल, की दुआ था,


ठंडा मौसम, कड़ी लू
वो गम था, या दवा था,

 

लगता था, वो खुदा पर,
किस्मत था, या जुआ था,

 

बेवजह तबियत, जुदा थी,
शायद हमे, कुछ हुआ था,

 

बहता आंसू, मेरा ही,
घायल नस को, छुआ था.

Views: 620

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 20, 2012 at 3:40pm

आदरणीय आप का स्नेह मिला टिपण्णी के जरिये, बहुत बहुत शुक्रिया, बस इसी तरह से आप सब अगर साथ रहा तो वो मंजिल दूर नहीं है, यहीं कहीं है बस दिखाई नहीं दे रही है.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 20, 2012 at 2:13pm

भाई अरुण शर्मा, बहुत ही उम्दा.  संयत, सहज और सुरुचिपूर्ण. 

इस सधे हुए प्रयास के लिये मेरी हार्दिक बधाई लीजिये. वैसे कोशिश कीजियेगा तो ये ग़ज़ल और निखर आयेगी.

और, संदीपभाई के कहे को स्वीकार कीजिये.  बहरहाल, बहुत सुन्दर प्रयास किया है आपने.

शुभेच्छाएँ.

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 20, 2012 at 12:19pm

शुक्रिया मित्र अरुण हौंसला आफजाई के लिए.

Comment by Arun Sri on July 20, 2012 at 12:16pm

आपका प्रयास अच्छा है इस बार ! करते रहिए ये विधा अभ्यास से ही सधेगी ! बाकी अभी के लिए संदीप जी की बात ध्यान दीजिए !

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 20, 2012 at 12:12pm

संदीप भाई एक बार फिर नज़र भर देख लेता हूँ, आपको कोई त्रुटी दिख रही हो तो कृपया अवगत कराएँ.

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on July 20, 2012 at 12:09pm

बेवजह तबियत, जुदा थी,
शायद हमे, कुछ हुआ था,

 इस शेर को एक बार फिर देख लीजिये बाकी के शेर उम्दा हैं

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 20, 2012 at 12:08pm

संदीप भाई आपका स्नेह मिला हौंसला बढ गया. तहे दिल से शुक्रिया........

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on July 20, 2012 at 12:06pm

इस बार प्रयास सराहनीय है अरुण जी .....................
इस ग़ज़ल के लिए दाद हाजिर है

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 20, 2012 at 12:02pm

आदरेया सीमा जी बहुत बहुत शुक्रिया आभार.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय तिलकराज कपूर जी, आज लाइव तरही मुशायरा में मैने जो ग़ज़ल पोस्ट की है उसके काफिये में…"
44 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"ग़ज़ल आ गया है वक्त अब सबको बदलना चाहिये। मेहनत से जिन्दगी में रंग भरना चाहिये। -मेहनतकश की नहीं…"
9 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"अभी तो तात्कालिक सरल हल यही है कि इसी ग़ज़ल के किसी भी अन्य शेर की द्वितीय पंक्ति को गिरह के शेर…"
9 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आ. तिलकराज सर, मैंने ग़ज़ल की बारीकियां इसी मंच से और आप की कक्षा से ही सीखीं हैं। बहुत विनम्रता के…"
11 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"परम आदरणीय सौरभ पांडे जी व गिरिराज भंडारी जी आप लोगों का मार्गदर्शन मिलता रहे इसी आशा के…"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आ. भाई तिलकराज जी, सादर अभिवादन। 'मिलना' को लेकर मेरे मन में भी प्रश्न था, आपके…"
14 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"2122 2122 2122 212 दोस्तों के वास्ते घर से निकलना चाहिए सिलसिला यूँ ही मुलाक़ातों का चलना चाहिए…"
15 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय तिलक जी नमस्कार  बहुत बहुत आभार आपका ,ये प्रश्न मेरे मन में भी थे  सादर "
15 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"इस बार के तरही मिसरे को लेकर एम प्रश्न यह आया कि ग़ज़ल के मत्ले को देखें तो क़ाफ़िया…"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति औल स्ने के लिए आभार।"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। 6 शेर के लिए आपका सुझाव अच्छा…"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. प्राची बहन, सादर अभिवादन।गजल आपको अच्छी लगी, लेखन सफल हुआ। स्नेह के लिए आभार।"
18 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service