For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हंसों का जोड़ा (एक प्रेम गीत)

हंसों का जोड़ा  (एक प्रेम गीत)
 
दो आतुर हंसों का जोड़ा
नेह मिलन जब बेसुध दौड़ा,
 
कुछ कुछ जागा, कुछ कुछ सोया
इक दूजे में बिलकुल खोया,
 
अर्धखुली सी उनकी आँखें
मंद मंद सी महकी साँसें,
 
धड़कन में लेकर मदहोशी
कुछ हलचल औ कुछ खामोशी ,
 
कदमों  में दीवानी थिरकन
बहके बहके से अंतर्मन ,
 
पल भर की खुशियों का संगम
जी लेना है सारा जीवन,
 
प्यार लिए सीने के अन्दर
पार किये हैं सात समुन्दर,
 
नज़रों नें नज़रों को देखा
है जैसे किस्मत का लेखा,
 
नयनों में बातों का होना 
इक दूजे में उनका खोना,
 
वक़्त की जैसे चाल थमी है
गठ-बंधन की डोर जुड़ी है,
 
उनको कुछ ना सूझ रहा है
मन सपनों के बीच खड़ा है,
 
अरमाँ लेते हैं अंगड़ाई
गूँज उठी जैसे शहनाई,
 
नेह मिलन मीतों का संगम
प्यार में भीगे हैं दोनों मन,
 
मदहोशी का है वो आलम
जैसे मिले हों दूल्हा दुल्हन,
 
दो रूहें खामोश हुई हैं
जनम जनम के बाद मिली हैं,
 
जैसे अरमानों की बदरी
मरुधर में जी भर बरसी है.....
 
 

Views: 650

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on August 11, 2012 at 10:37am

हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 11, 2012 at 10:26am

वाह ! .. .


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on August 11, 2012 at 10:09am

आपका हार्दिक आभार संदीप पटेल जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on August 11, 2012 at 10:08am

हार्दिक आभार आ. सुरेन्द्र शुक्ला जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on August 11, 2012 at 10:07am

इस गीत को सराहने हेतु आपका हार्दिक आभार आदरणीया राजेश कुमारी जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on August 11, 2012 at 10:05am

आपको यह गीत पसंद आया इस हेतु आपका आभार प्रिय दीप्ति जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on August 11, 2012 at 10:04am

आपने इस गीत को पसंद कर अपनी टिप्पणी दी, इस हेतु आपका हार्दिक आभार आदरणीय अलबेला खत्री जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on July 18, 2012 at 9:04pm
इस रचना को सराहने के लिए हार्दिक आभार अरुण शर्मा जी.
Comment by Er. Ambarish Srivastava on July 14, 2012 at 7:33pm

स्वागत है डॉ० प्राची जी !


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on July 14, 2012 at 7:18pm
आ. अम्बरीश जी
इस रचना को सराहने के लिए आपका आभार. सादर.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"ब्रजेश जी, आप जो कह रहें हैं सब ठीक है।    पर मुद्दा "कृष्ण" या…"
12 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"क्या ही शानदार ग़ज़ल कही है आदरणीय शुक्ला जी... लाभ एवं हानि का था लक्ष्य उन के प्रेम मेंअस्तु…"
yesterday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"उचित है आदरणीय अजय जी ,अतिरंजित तो लग रहा है हालाँकि असंभव सा नहीं है....मेरा तात्पर्य कि…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि भाईजी, इस प्रस्तुति के मोहपाश में तो हम एक अरसे बँधे थे. हमने अपनी एक यात्रा के दौरान…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,//आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति पर आने में मुझे विलम्ब हुआ है. कारण कि, मेरा निवास ही बदल रहा…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. अजय गुप्ता जी "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
Sunday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Sunday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service