For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

रिमझिम बरस जाती हैं बूंदे
जब याद तुम्हारी आती है ।
बिन मौसम ही मेरे घर में
वो बरसात ले आती है ।
जब पड़ी मेह की बूंदे
मुस्कुराते उन फूलों पर
हर्षित फूलों पर वो बूंदे
तेरा चेहरा दिखाती है ।
नाता तो गहरा है
इन बूंदो का तुझसे
चाहे तेरी याद हो या
ये बरसात हो मुझे तो 
दोनों भिगो जाती हैं ।

- दीप्ति शर्मा

Views: 1003

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by deepti sharma on July 22, 2012 at 7:50pm

आदरणीय प्रवीण कुमार जी बहुत बहुत आभार आपका

Comment by प्रवीण कुमार श्रीवास्तव on July 21, 2012 at 1:10am

सुन्दर रचना, खासतौर से
हर्षित फूलों पर वो बूंदे
तेरा चेहरा दिखाती है
पंक्तियाँ सराहनीय हैं.

Comment by deepti sharma on July 21, 2012 at 12:20am
आदरणीय सौरभ जी बहुत बहुत शुक्रिया ।

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 12, 2012 at 12:08am

अभिव्यक्ति बहुत सहज है और अर्थ सापेक्ष.  भावनाएँ ही ऋतुओं के होने का अर्थ हैं.  इस भावपगी रचना के लिये धन्यवाद.

Comment by deepti sharma on July 11, 2012 at 8:14pm

आदरणीय अरुण जी  , आपका बहुत बहुत आभार आपको कविता पसंद आयी

Comment by Arun Sri on July 11, 2012 at 8:08pm

बहुत कोमल एहसासों को शब्द दिए आपने ! बहुत बढ़िया !

Comment by deepti sharma on July 11, 2012 at 7:58pm

आदरणीय संदीप  जी  , आपका बहुत बहुत आभार आपको कविता पसंद आयी

Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on July 11, 2012 at 7:45pm

वर्षा के क्षणों में महसूस किये गए लम्हों का सुन्दर चित्रण किया आपने| बढ़ाई दीप्ति जी!

Comment by deepti sharma on July 11, 2012 at 7:02pm

आदरणीया रेखा जोशी  जी , आपका बहुत बहुत आभार अपना आशीष यूँ ही बनाये रखियेगा

Comment by deepti sharma on July 11, 2012 at 7:02pm

आदरणीय अलबेला खत्री जी  , आपका बहुत बहुत आभार अपना आशीष यूँ ही बनाये रखियेगा 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सौरभ सर, मैं इस क़ाबिल तो नहीं... ये आपकी ज़र्रा नवाज़ी है। सादर। "
4 hours ago
Sushil Sarna commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय जी  इस दिलकश ग़ज़ल के लिए दिल से मुबारकबाद सर"
5 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया और सुझाव  का दिल से आभार । प्रयास रहेगा पालना…"
5 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को मान और सुझाव देने का दिल से आभार । भविष्य के लिए  अवगत…"
5 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"आदरणीय  अशोक रक्ताले जी सृजन को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार । बहुत सुन्दर सुझाव…"
5 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आ. शिज्जू भाई,एक लम्बे अंतराल के बाद आपकी ग़ज़ल पढ़ रहा हूँ..बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है.मैं देखता हूँ तुझे…"
8 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . लक्ष्य

दोहा सप्तक. . . . . लक्ष्यकैसे क्यों को  छोड़  कर, करते रहो  प्रयास । लक्ष्य  भेद  का मंत्र है, मन …See More
9 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज जी, ओबीओ के प्रधान संपादक हैं और हम सब के सम्माननीय और आदरणीय हैं। उन्होंने जो भी…"
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय अमीरुद्दीन साहब, आपने जो सुझाव बताए हैं वे वस्तुतः गजल को लेकर आपकी समृद्ध समझ और आपके…"
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सुशील भाई , दोहों के लिए आपको हार्दिक बधाई , आदरणीय सौरभ भाई जी की सलाहों कर ध्यान…"
11 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । "
12 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
12 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service