For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मेरे शब्द ..................मेरे अपने ...............!!

हो जाते है जब एकदम अकेले
हम अपनों की भीड़ में
तब जब दिल चाहता है कहना
किसी से बहुत कुछ
तब कोई नहीं मिलता ऐसा
जो साथ बैठकर सुने इस दिल की बाते
और कहे कि मैं हूँ न .........................

तब जब महसूस होता है
कि कोई नहीं है इस दुनिया में हमारा
तब एकदम से अचानक ...................
आ जाते है शब्द
और करने लगते हैं मुझसे बाते
तब जब दिल चाहता है जी भरकर रोना
लेकिन आंसू भी साथ देने से मना कर देते हैं
तब ये शब्द रोते है मेरे साथ ...
बहते हैं आंसू बनकर कागज पर
स्याही का रूप लेकर .......................

जब देखते हैं ये शब्द हमे अकेले चुपचाप बैठे
तो आ जाते हैं बिन बुलाये ही ........
कह नहीं पाते जो बाते किसी से अक्सर
वो बाते सुनने............................
शब्द जो खुशी में मेरी खुश होते हैं
शब्द जो मेरे अपने है ................
शब्द जो हर पल मेरे साथ रहते हैं
चाहे गम हो या ख़ुशी
शब्द जो मेरे गम को देखकर
मुझसे दूर नहीं भागते ...............
ये शब्द जो मेरे अपने हैं
मेरे शब्द ..................मेरे अपने ...............!!

Views: 540

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sonam Saini on August 17, 2012 at 11:19am

dhanyvaad yogi sir.

Comment by Sonam Saini on August 17, 2012 at 11:19am

Thank u very much mahima shree ji

Comment by MAHIMA SHREE on August 15, 2012 at 5:39pm

तब जब महसूस होता है
कि कोई नहीं है इस दुनिया में हमारा
तब एकदम से अचानक ...................
आ जाते है शब्द
और करने लगते हैं मुझसे बाते
तब जब दिल चाहता है जी भरकर रोना
लेकिन आंसू भी साथ देने से मना कर देते हैं
तब ये शब्द रोते है मेरे साथ ...
बहते हैं आंसू बनकर कागज पर
स्याही का रूप लेकर .......................

वाह सोनम जी .. बहुत खूब
Comment by Yogi Saraswat on July 3, 2012 at 3:52pm

तब जब महसूस होता है कि कोई नहीं है इस दुनिया में हमारा तब एकदम से अचानक ................... आ जाते है शब्द और करने लगते हैं मुझसे बाते तब जब दिल चाहता है जी भरकर रोना लेकिन आंसू भी साथ देने से मना कर देते हैं तब ये शब्द रोते है मेरे साथ ... बहते हैं आंसू बनकर कागज पर स्याही का रूप लेकर ....................

सोनम जी , बहुत खूबसूरत अल्फाज़ और उतने ही अच्छे अहसासात ! दिल की गहराइयों से निकले हुए शब्द क्यू वाह

Comment by Sonam Saini on June 18, 2012 at 11:39am

आदरणीय कुशवाहा सर जी प्रणाम 

ऐसे ही अपना आशीर्वाद बनाये रखियेगा ! बहुत बहुत धन्यवाद !
Comment by Sonam Saini on June 18, 2012 at 11:37am

बहुत बहुत शुक्रिया योगेश जी ! 

Comment by Sonam Saini on June 18, 2012 at 11:30am

बहुत बहुत शुक्रिया अलबेला जी ! आपके सराहना भरे शब्दों के liye  बहुत बहुत शुक्रिया 

Comment by Sonam Saini on June 18, 2012 at 11:28am

bahut bahut dhanyvad umashanker sir ji.

Comment by Sonam Saini on June 18, 2012 at 11:27am

Thank u Nilansh ji. yu hi housla bdahte rhiyega.

Comment by Nilansh on June 16, 2012 at 10:22am

जब देखते हैं ये शब्द हमे अकेले चुपचाप बैठे 
तो आ जाते हैं बिन बुलाये ही ........
कह नहीं पाते जो बाते किसी से अक्सर 
वो बाते सुनने............................
शब्द जो खुशी में मेरी खुश होते हैं 
शब्द जो मेरे अपने है ................
शब्द जो हर पल मेरे साथ रहते हैं
चाहे गम हो या ख़ुशी 
शब्द जो मेरे गम को देखकर 
मुझसे दूर नहीं भागते ...............
ये शब्द जो मेरे अपने हैं 
मेरे शब्द ..................मेरे अपने ...............!!

..

 

bahut hi acchi rachna ke liye badhaai aapko sonam ji 

saadar..

 

....

 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण भाईजी, आपने प्रदत्त चित्र के मर्म को समझा और तदनुरूप आपने भाव को शाब्दिक भी…"
6 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"  सरसी छंद  : हार हताशा छुपा रहे हैं, मोर   मचाते  शोर । व्यर्थ पीटते…"
11 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ रोहिंग्या औ बांग्ला देशी, बदल रहे परिवेश। शत्रु बोध यदि नहीं हुआ तो, पछताएगा…"
12 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय, जय हो "
yesterday
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Dec 14
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Dec 14
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Dec 14
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service